Friday, April 26, 2024
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G-7 Summit: जंग के बाद पहली बार मिले पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, जानिए इसके क्या हैं मायने?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से हिरोशिमा में मुलाकात की। यूक्रेन और रूस में जंग शुरू होने के बाद पहली बार पीाएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति एकदूसरे से मिले हैं।

India TV News Desk Edited By: India TV News Desk
Updated on: May 20, 2023 16:02 IST
जंग के बाद पहली बार मिले पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की- India TV Hindi
Image Source : ANI जंग के बाद पहली बार मिले पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। पिछले साल शुरू हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के हिरोशिमा में G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। पिछले साल शुरू हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक है। पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर, सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल और अन्य भारतीय डेलिगेट्स भी साथ थे। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ भी एक प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा।

युद्ध राजनीति का नहीं, मानवीयता का मुद्दा है, बोले पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'यूक्रेन में चल रहा युद्ध पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ा मुद्दा है। पूरे विश्व पर इसके अनेक प्रकार के प्रभाव भी पड़े हैं। मैं इसे राजनीति का मुद्दा नहीं मानता, मेरे लिए ये मानवता का मुद्दा है। इसके समाधान के लिए भारत और निजी रूप से मैं स्वयं, हमसे जो कुछ भी हो सकता है हम अवश्य करेंगे।'

पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच मुलाकात कई मायनों में खास है। भारत  हमेशा पश्चिमी देशों और यूक्रेन को यह समझाने की मशक्कत करता रहा है कि रूस के साथ भारत के बुनियादी रिश्ते हैं, लेकिन जंग की भी सूरते हाल में जायज नहीं है। पीएम मोदी और जेलेंस्की से ​मीटिंग में भी संभवत: भारत का यही स्टैंड एक बार फिर पीएम मोदी ने दोहराया होगा। इससे पहले दिसंबर 2022 में जब पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच टेलिफोन पर बात हुई थी, तब भी भारत ने यही बात कही थी कि जंग किसी भी बात का समाधान नहीं हो सकता है। दोनों ओर शांति के साथ बातचीत करने का विकल्प ही सही है। इससे पहले अक्टूबर 2022 में भी पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच बात हुई थी।

भारत कभी नहीं रहा जंग का पक्षधर

हिरोशिमा में पीएम मोदी का पश्चिमी देशों के साथ मुलाकात करना और खासकर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात एक बार फिर इसी बात की तस्दीक करती है कि भारत किसी भी तरह से जंग का पक्षधर नहीं है। हालांकि पश्चिमी देशों का भारत पर यह दबाव हमेशा से रहा है कि रूस जिस तरह जंग थोप रहा है, भारत को भी रूस की आलोचना करना चाहिए। 

भारत यह समझाने में सफल रहा कि रूस अहम दोस्त, पर जंग जायज नहीं

यूएन में भी रूस के विरोध में जो बिल लाए गए, भारत उसमें न्यूट्रल ही रहा। इस तरह भारत की जंग को लेकर विदेश नीति यही बात अमेरिका, यूक्रेन सहित पश्चिमी देशों को यह समझाने में सफल रही है कि भारत जहां रूस के साथ पारंपरिक मि​त्रता को अहमियत देता है, वहीं पश्चिमी देशों का इस बात पर भी समर्थन करता है कि रूस जंग रोके और यूक्रेन के साथ बातचीत करके समस्या का समाधान निकाले। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेंलेस्की ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी7) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए हिरोशिमा में हैं। जेलेंस्की अपने युद्धग्रस्त देश से पहली बार इतनी दूर यात्रा कर रहे हैं।

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