
भारत का पड़ोसी देश भूकंप के झटकों से हिल गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के एक बयान के अनुसार, मंगलवार को तिब्बत में रिक्टर स्केल पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। एनसीएस ने बताया कि भूकंप 5 किमी की गहराई पर आया, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील है।
उथले भूकंप होते हैं खतरनाक
इस तरह के उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होते हैं, क्योंकि पृथ्वी की सतह के नजदीक आने पर उनकी ऊर्जा ज्यादा रहती है। इस कारण जमीन भी ज्यादा हिलती है। इमारतों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। बड़ी संख्या में लोग हताहत होते हैं।
पहले 70 किलोमीटर की गहराई पर आया था भूकंप
NCS ने बताया कि इससे पहले 27 फरवरी को तिब्बत में 4.1 तीव्रता का एक और भूकंप आया था। भूकंप 70 किलोमीटर की गहराई पर आया था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के बयान के अनुसार, एक दिन पहले तिब्बत में रिक्टर स्केल पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था। NCS के अनुसार, भूकंप 10 किमी की उथली गहराई पर आया था, जिससे संभावित आफ्टरशॉक की आशंका बनी हुई है।
तिब्बत में क्यों आ रहे भूकंप?
बता दें कि तिब्बती पठार टेक्टोनिक प्लेट टकराव के कारण अपनी भूकंपीय गतिविधि के लिए जाना जाता है। तिब्बत और नेपाल एक प्रमुख भूगर्भीय दोष रेखा पर स्थित हैं, जहां भारतीय टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट में ऊपर की ओर धकेलती हैं। इस कारण तिब्बत के कई हिस्सों में भूकंप एक नियमित घटना है।