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भारत-मालदीव में बढ़ी तनातनी, नई दिल्ली में एक्शन के बाद माले में भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब

मालदीव ने राजधानी माले में भारतीय उच्चायुक्त को समन भेजकर तलब किया है। मालदीव ने यह एक्शन भारत में मालदीव के उच्चायुक्त को तलब करने के जवाब में लिया है। मालदीव भारत के साथ लगातार तल्खी बनाने वाले काम कर रहा है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Jan 08, 2024 15:56 IST, Updated : Jan 08, 2024 15:56 IST
मोहम्मद मोइज्जू और पीएम मोदी।- India TV Hindi
Image Source : FILE मोहम्मद मोइज्जू और पीएम मोदी।

India Maldives:भारत और मालदीव के बीच तनातनी और बढ़ गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव के तीन मंत्रियों को जरूर बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने हाल ही में पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर इस बात पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जब पीएम मोदी ने लक्षद्वीप को पर्यटन के लिहाज से बेहतरीन टापू बताया था। इसी बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू चीन दौरे के लिए रवाना हो गए। उन्हें चीन का पक्षधर माना जाता है। बड़ी बात यह है कि भारत ने मालदीव के उच्चायुक्त को इस पूरे मामले को लेकर तलब किया था। नई दिल्ली के इस एक्शन का रिएक्शन माले में दिखाई दिया है, जहां मालदीव सरकार ने भी बदले की भावना के ​तहज भारतीय उच्चायुक्त को समन भेजकर तलब किया है। 

भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद की शुरुआत हो गई है। मालदीव की राजधानी माले में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त को देश के विदेश मंत्रालय ने समन भेजा है। द्वीपीय देश की तरफ से ये कदम तब उठाया गया है, जब भारत ने भी नई दिल्ली में मौजूद मालदीव के राजदूत को तलब किया था। मालदीव में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर उच्चायुक्त को मिले समन की जानकारी दी। उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने आज मालदीव के विदेश मंत्रालय के राजदूत डॉ अली नसीर मोहम्मद के साथ एक पूर्व-निर्धारित बैठक की। इस बैठक में दोनों राजनयिकों ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की है।' मुनु महावर ने नवंबर 2021 में मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त की जिम्मेदारी संभाली थी। 

 नए राष्ट्रपति के आगमन से बिगड़े रिश्ते

भारत और मालदीव के संबंध काफी पुराने हैं। मालदीव के हर संकट में भारत साथ खड़ा रहा है। कोरोना महामारी हो तो वैक्सीन की खेप भारत ने पहुंचवाई। 2014 में जब मालदीव में जलसंकट हुआ, तो भारत ने अपने जहाज भेजकर मालदीव की प्यास बुझाई। हालांकि हाल के वर्षों में मालदीव में भारत विरोधी अभियानों की शुरुआत हुई। हिंद महासागर में जब से चीन ने अपनी सक्रियता बढ़ाई, उसने मालदीव जैसे देशों को भी आर्थिक गुलाम बनाने की कोशिश करके भारत विरोधी भावना फैलाने में कसर नहीं छोड़ी। 

मालदीव के राष्ट्रपति जब मोहम्मद मोइज्जू बने, तब से रिश्ते और बिगड़ गए। मोइज्जू ने राष्ट्रपति बनते ही दशकों से मालदीव में नियुक्त भारतीय सैनिकों को वापस भारत भेजने का ऐलान कर दिया। चीन के पक्षधर मोइज्जू भारत विरोधी कदम उठाते हैं।उन्होंने चुनाव अभियान के दौरान 'इंडिया आउट' मुहिम चलाई थी। 

क्या है ताजा विवाद? 

जनवरी के पहले हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की और वहां की कुछ तस्वीरों को शेयर किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि भारत मालदीव के विकल्प के तौर पर लक्षद्वीप को तैयार कर रहा है। इसे लेकर मालदीव के कुछ नेताओं को मिर्ची लग गई और उन्होंने भारत और पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करना शुरू कर दिया। मालदीव सरकार ने तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया, जिन्होंने मोदी विरोधी टिप्पिणयां की थीं। 

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