रूस के एक परमाणु ऊर्जा पोत में समुद्र में आग लगने से खलबली मच गई है। रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने कहा कि मरमंस्क के उत्तरी बंदरगाह में परमाणु ऊर्जा से चलने वाले एक कंटेनर जहाज और आइसब्रेकर में आग लग गई, हालांकि इस पर तुरंत काबू पा लिया गया। मंत्रालय की ओर से आग लगने की वजहों को नहीं बताया गया है। अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया होता तो यह रिएक्ट में विस्फोट की वजह भी बन सकता था। हालांकि यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि जहाज रिएक्टर से कितनी दूरी पर था।
रूसी मंत्रालय ने ‘टेलीग्राम’ ऐप पर बयान में कहा कि आग रविवार देर रात सेवमोर्पुट जहाज के एक केबिन में लगी और लगभग 30 वर्ग मीटर क्षेत्र तक फैल गई। इसमें बताया गया कि शुरुआती जानकारी के करीब एक घंटे बाद आग पर काबू पा लिया गया और कोई हताहत नहीं हुआ। बयान में यह खुलासा नहीं किया गया कि आग किस कारण लगी या यह जहाज रिएक्टर के कितना करीब थी। सेवमोर्पुट 260 मीटर (830 फुट) लंबा सेवारत एकमात्र परमाणु मालवाहक जहाज है। यह रूस के घातक युद्धपोतों में से एक है। इसे ब्लैक सी की शान भी कहा जाता है। (एपी)
1988 में बना था सेवमोर्पुट
रूस के आपातकालीन मंत्रालय की क्षेत्रीय शाखा ने 25 दिसंबर को कहा कि उत्तरी रूसी बंदरगाह मरमंस्क में एक रूसी परमाणु-संचालित आइसब्रेकर में आग लग गई, लेकिन अग्निशामकों ने इसे तुरंत बुझा दिया। आग सेवमोर्पुट नाम के जहाज के एक केबिन में लगी, जब वह बंदरगाह पर खड़ा था। परमाणु-संचालित आइसब्रेकर के बेड़े को तैनात करने वाली रूसी राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी एटमफ्लोट ने रूसी राज्य-नियंत्रित समाचार आउटलेट आरआईए नोवोस्ती को बताया, "महत्वपूर्ण समर्थन प्रणालियों या रिएक्टर सुविधा के लिए कोई खतरा नहीं था।" रूसी राज्य परमाणु मंत्रालय, रोसाटॉम के अनुसार, एटमफ्लोट द्वारा संचालित सेवमोरपुट एक परमाणु-संचालित आइसब्रेकर और मालवाहक जहाज है, जो रूस के बेड़े में एकमात्र ऐसा जहाज है। इसका निर्माण मूल रूप से 1988 में किया गया था, लेकिन बाद में इसका आधुनिकीकरण किया गया।
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