Friday, April 26, 2024
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नसों में उलझन और मसल्स में ऐंठन से हैं परेशान? स्वामी रामदेव से जानिए वैरिकोज का यौगिक-आयुर्वेदिक उपचार

सर्जरी की नौबत ना आए और इसके लिए यौगिक, आयुर्वेदिक तरीके आजमाएं। स्वामी रामदेव ने डैमेज नसों यानि वाल्व को क्योर करने के उपाय बताए हैं।

India TV Health Desk Written by: India TV Health Desk
Updated on: October 18, 2021 18:12 IST

सर्दी ने दस्तक दे दी है। सुबह-शाम ठंडी हवाएं चलने लगी हैं। ऐसे में अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। कुछ फायदेमंद तो कुछ नुकसान देने वाली। कोरोना ने लोगों को सेहत का ख्याल रखना तो सिखा ही दिया है। लोग अब अपने बीपी-शुगर लेवल पर नजर रखने लगे हैं। रेग्युलर योग-प्राणायाम करने लगे हैं। अब तो खुली जगह, सड़कों और पार्कों में भी पहले से ज्यादा लोग वॉक करते नजर आ जाते हैं।

कोरोना में मौत को करीब से देखने के बाद सेहत को लेकर सीरियसनेस तो बढ़ी ही है, लेकिन अब भी बहुत सारी ऐसी परेशानियां हैं, जिसकी जानकारी लोगों को नहीं है। अब नसों को ही ले लीजिए। आपने कभी सुना है कि कोई नसों को मजबूत बनाने के लिए एक्सरसाइज करता हो? हाथ, पैर, लंग्स, हार्ट, लिवर, किडनी, इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग करने की बात तो हर रोज सुनने को मिलती है, लेकिन नसों को हेल्दी बनाने की बात तो कभी नहीं सुनी, जबकि वेन्स का रोल तो शरीर में काफी अहम है। जिन लोगों का काम घंटों तक खड़े होकर या कुर्सी पर बैठकर होता है या लंबे समय तक एक ही पॉश्चर होता है, उनके वेन्स खराब हो जाते हैं। पैरों में भयंकर दर्द होने लगता है। नसों में सूजन-जलन होती है। रस्सियों की तरह नीली नसों की गांठे बन जाती हैं। इस समस्या का नाम वैरिकोज वेन्स है। 

प्रदूषण से बचाव के लिए फेफड़ों को कैसे बनाएं फौलादी? स्वामी रामदेव से जानें योगासन और आयुर्वेदिक उपचार

सर्जरी की नौबत ना आए और इसके लिए यौगिक, आयुर्वेदिक तरीके आजमाएं। स्वामी रामदेव ने डैमेज नसों यानि वाल्व को क्योर करने के उपाय बताए हैं। 

क्या है वैरिकोज?

वेन्स में बहुत सारे वाल्व होते हैं। 

वाल्व की मदद से ब्लड ऊपर जाता है।
वाल्व कमजोर होने पर ब्लड रुकता है।
ब्लड ऊपर जाने के बदले जमा होने लगता है।
ब्लड जमा होने से वेन्स फूल जाती हैं।
वेन्स के गुच्छे बनने लगते हैं। 
वेन्स ब्लड को हार्ट तक ले जाती है। 

वैरिकोज की वजह

लगातार खड़े रहकर काम करना 
घंठों बैठकर काम करना
एक्सरसाइज नहीं करना
नसें कमजोर, वाल्व खराब 
नसों में दर्द, सूजन और जलन 
नीली नसों के गुच्छे 
फैमिली हिस्ट्री
हार्मोनल बदलाव
बढ़ती उम्र 
मोटापा 

वैरिकोज के लक्षण

नीली नसों का गुच्छा
पैरों में सूजन 
मसल्स में ऐंठन
स्किन पर अल्सर 

वैरिकोज वेन्स का इलाज

कपिंग थेरेपी
मिट्टी लेप
रश्मि चिकित्सा
लीच थेरेपी 

वैरिकोज से बचाव के लिए क्या करें?

डाइट में नमक कम से कम लें। 
ऊंची हील के जूते नहीं पहनें।
टाइट कपड़े पहनने से बचें। 
रोजाना योगाभ्यास और व्यायाम करें। 
शरीर का वजन कंट्रोल में रखें। 
ज्यादा फाइबर वाला भोजन लें। 

अच्छी सेहत के लिए करें ये काम

नाश्ते में अंकुरित खाएं। 
मल्टीग्रेन दलिया डायजेशन के लिए बहुत अच्छा होता है 
सर्दी में लौकी, गाजर का जूस पिएं।
ज्यादा फैट वाले खाने से दूर रहें।
डाइट में दूध या दही-छाछ शामिल करें। 

डायजेशन के लिए उपाय 

हल्का खाना खाएं
समय पर खाएं 
मिर्च-मसाला, तला-भुना कम खाएं
डाइट में दूध या दही-छाछ जरूर लें। 
सौंफ, अजवाइन का गुनगुना पानी पिएं
बेल का पाउडर खाली पेट लें।
व्हीट ग्रास-एलोवेरा जूस लें। 

योग से बनाएं नसों को हेल्दी 

  1. सूक्ष्म व्यायाम
  2. यौगिक जॉगिंग
  3. ताड़ासन
  4. पादहस्तासन
  5. वृक्षासन
  6. सूर्य नमस्कार
  7. उष्ट्रासन
  8. भुजंगासन
  9. मर्कटासन
  10. पवनमुक्तासन

शीर्षासन के फायदे

  • डिप्रेशन दूर होता है 
  • चेहरे पर चमक आती है
  • सुंदरता बढ़ती है
  • मेमोरी तेज होती है
  • ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है

सूक्ष्म व्यायाम के फायदे

  • शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है
  • शरीर में थकान नहीं होती है
  • कई तरह के दर्द से राहत मिलती है 
  • ऊर्जा का संचार होता है
  • जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है

चक्की आसन के फायदे

  • वजन घटेगा
  • शरीर लचीला रहेगा 
  • मन शांत रहेगा
  • पेट का फैट कम होगा

मर्कटासन के फायदे

  • रीढ़ की हड्डी लचीली बनाता है 
  • पीठ का दर्द दूर हो जाता है 
  • पेट से जुड़ी परेशानी दूर होती है
  • एकाग्रता बढ़ती है 
  • गुर्दे, अग्नाशय, लिवर सक्रिय होते हैं 

भुजंगासन के फायदे

  • किडनी को स्वस्थ बनाता है 
  • लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
  • तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
  • कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
  • फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  • छाती चौड़ी होती है

पवनमुक्तासन के फायदे

  • अस्थमा, साइनस में लाभकारी 
  • किडनी को स्वस्थ रखता है
  • बीपी कंट्रोल करता है
  • पेट की चर्बी दूर करता है 

मंडूकासन के फायदे

  • डायबिटीज को दूर करता है 
  • पेट और दिल के लिए लाभकारी 
  • पाचन तंत्र सही रहता है
  • लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है 

शशकासन के फायदे

  • डायबिटीज दूर होती है 
  • तनाव और चिंता दूर होती है
  • क्रोध, चिड़चिड़ापन दूर करता है
  • मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है

मकरासन के फायदे

  • लंग्स मजबूत करता है 
  • कमर दर्द में आराम मिलता है 

सर्वांगासन के फायदे

  • तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है 
  • एकाग्रता बढ़ती है
  • याद की हुई चीजें भूलते नहीं
  • सिरदर्द ठीक करता है

हलासन के फायदे

  • दिमाग शांत होता है
  • थायराइड की बीमारी ठीक होती है
  • स्ट्रेस और थकान मिटाता है
  • रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है 
  • डायबिटीज कंट्रोल होती है 

पादवृत्तासन के फायदे

  • वजन घटाने में बेहद कारगर 
  • पेट की चर्बी कम होती है
  • बॉडी का बैलेंस ठीक होता है
  • कमर का दर्द ठीक होता है

गोमुखासन के फायदे

  • फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है 
  • पीठ, हाथ को मजबूत बनाता है
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  • शरीर लचकदार बनता है
  • सीने को चौड़ा करने में सहायक
  • शरीर के पॉश्चर को सुधारता है 

सूर्य नमस्कार के फायदे

  • इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग करता है 
  • एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
  • वजन घटाने में मददगार 
  • शरीर को डिटॉक्स करता है
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
  • पाचन तंत्र बेहतर होता है
  • शरीर को ऊर्जा मिलती है
  • फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है

रोजाना करें प्राणायाम

  1. अनुलोम विलोम
  2. कपालभाति 
  3. भस्त्रिका
  4. भ्रामरी 
  5. उज्जायी
  6. उद्गीथ
  7. शीतली
  8. शीतकारी 

भस्त्रिका के फायदे: लंग्स क्लियर करता है। तनाव और चिंता दूर करता है। 

अनुलोम-विलोम के फायदे: बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। तनाव और चिंता दूर होती है। वजन घटाने में बेहद कारगर। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक। अस्थमा के रोग को दूर करता है। 

कपालभाति के फायदे: पेट के लिए बेहद कारगर। सांस लेने में आसानी होती है। नर्व मजबूत बनते हैं। शरीर के ब्लड फ्लो में सुधार होता है। 

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें। 

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