
पटना: बिहार के पटना में आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस मौके पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉक्टर सैयद कासिम रसूल इलियास का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, 'हमारी लड़ाई मुल्क के हिंदू भाइयों से नहीं है, हमारी लड़ाई उन लोगों से है जो तानाशाही फैसले की हिमायत कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'जिस तरह से शाहीन बाग का प्रदर्शन हुआ था, अगर यह बिल वापस नहीं लिया गया और खुदा न खास्ता, यह कानून मंजूर हो गया, तो हम देशव्यापी अभियान छेड़ेंगे। आज पटना में विरोध हुआ है, अगला 29 को विजयवाड़ा में होगा। यहां का धरना बीजेपी, जेडीयू और लोजपा को वार्निंग देने के लिए है कि अगर आप लोग इस बिल का समर्थन करेंगे, तो आप हमारे समर्थन से महरूम हो जाएंगे।'
बिल पास हुआ तो नीतीश को नहीं मिलेगा हमारा समर्थन: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
कासिम रसूल इलियास ने कहा, 'हमने कहा था कि इफ्तार में नीतीश के साथ कोई नहीं जाएगा। हम ऐलान करते हैं कि अगर यह बिल पारित हो गया, तो नीतीश को साफ-साफ चेतावनी है कि आप हमारे समर्थन से महरूम हो जाएंगे। आप हमें टेकन फॉर ग्रांटेड ना लें। नीतीश की पार्टी में जो मुसलमान हैं, उनके अंदर अगर गैरत है, तो उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए, इस्तीफा दे देना चाहिए। नीतीश और चंद्रबाबू नायडू के साथ जो मुसलमान खड़े हैं, उनके अंदर गैरत है या नहीं, अगर वे वापस नहीं निकलते हैं, तो हम ऐलान करते हैं कि हम उनका सामाजिक बायकॉट करेंगे। बोलिए, बैकवर्ड करेंगे या नहीं? अपने दीन और ईमान को बचाने के लिए हम मैदान में पहुंचे हैं, और तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक यह बिल वापस नहीं लिया जाता।'
जनरल सेक्रेटरी का भी सामने आया बयान
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी ने कहा, 'हम मुसलमान इस बिल को बिल्कुल भी मंजूर नहीं करते क्योंकि यह बिल मुसलमानों को उनके दस्तूरी अधिकारों से महरूम करता है, यह बिल मुसलमानों को उनकी इबादत से रोकता है। नीतीश बाबू, शायद आपकी पार्टी के कुछ नेता आपको गुमराह कर रहे हैं। आपके आसपास कुछ ऐसे नेता हैं, जो खुद को मुसलमानों का हितैषी बताकर आपको गुमराह कर रहे हैं, जबकि उनका मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। उनका असल मकसद सिर्फ कुर्सी की पावर है, वे आपके और आपके पार्टी के साथ नहीं, बल्कि अपने फायदे के लिए हैं।'
उन्होंने कहा, 'आप अपनी पार्टी के ऐसे लोगों का साथ न दें। अगर आपने मुसलमानों का साथ नहीं दिया, तो आपके चेहरे से सेकुलरिज़्म और जमहूरीत की पहचान मिट जाएगी। बीजेपी और नीतीश बाबू से मेरी गुजारिश है कि इंसाफ का साथ दें। ऐसे लोगों के हाथों में खिलौना बनने से बचें। आप इंसाफ का साथ दें, क्योंकि सेकुलर किरदार और आपके फैसले से आपकी मजबूती और कमजोरी साबित होगी। याद रखें, खामोशी भी एक संदेश देती है। अगर यह कानून बन जाता है तो मुसलमानों को हर तरह के जमहूरी और दस्तूरी अधिकारों के लिए तैयार रहना होगा। जब जुमे की नमाज के लिए निकलें, तो काली पट्टी अपने हाथ पर बांध लें और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करें।'