Tuesday, April 30, 2024
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शाहजहांपुर में पुलिस पर धौंस जमाने वाला फर्जी IAS और उसका साथी गिरफ्तार

शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि जिस नंबर से फोन आया था उसे सर्विलांस पर लगाया गया तो उसकी लोकेशन जलालाबाद में मिली।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 10, 2021 17:58 IST
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Image Source : TWITTER.COM/SHAHJAHANPURPOL पुलिस ने बताया कि फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर पुलिस पर धौंस जमाने का आरोपी शख्स मूल रूप से बिहार का रहने वाला है।

शाहजहांपुर: मध्य प्रदेश का फर्जी अपर मुख्‍य सचिव बनकर दुष्कर्म के एक आरोपी की सिफारिश पुलिस अधीक्षक से करने के आरोपी को उसके सहयोगी संग जिले से गिरफ्तार किया गया है। शाहजहांपुर के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर पुलिस पर धौंस जमाने और सिफारिश करने का आरोपी किरण पाल मूल रूप से बिहार का रहने वाला है जबकि उसका सहयोगी प्रवेश कश्‍यप शाहजहांपुर के ही जलालाबाद थाना क्षेत्र का रहने वाला है।

जिलाधिकारी के मुताबिक गुरुवार रात करीब 9 बजे जब पुलिस अधीक्षक एक बैठक में थे और उनका सरकारी मोबाइल उनके जनसंपर्क अधिकारी (PRO) के पास था, इसी बीच किसी व्यक्ति ने फोन करके कहा कि मैं मध्य प्रदेश का अपर मुख्य सचिव बोल रहा हूं और जलालाबाद थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति के बारे में बात करनी है। उन्होंने बताया कि PRO की सूचना पर पुलिस अधीक्षक ने वापस फोन किया तो उस व्यक्ति ने बताया कि मैं भोपाल से अपर मुख्य सचिव बोल रहा हूं और आपकी जलालाबाद थाने की पुलिस रोली बौरी गांव में रहने वाले राजीव तथा प्रवेश को परेशान ना करें, इसके बाद फोन कट गया।


शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि जिस नंबर से फोन आया था उसे सर्विलांस पर लगाया गया तो उसकी लोकेशन जलालाबाद में मिली। इसके बाद जलालाबाद थाना प्रभारी जसवीर सिंह को उसे तुरंत ही गिरफ्तार करने को कहा गया और पुलिस ने गुरुवार की देर रात आरोपी तथा उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि फोन करने वाला फर्जी वरिष्ठ IAS अधिकारी जिसकी सिफारिश कर रहा था वह दुराचार के मामले में वांछित है तथा पुलिस को सूचना मिली थी कि दुराचार का आरोपी गांव के ही एक व्यक्ति प्रवेश कश्यप के घर में छिपा हुआ है, इसलिए पुलिस पहले से ही गांव में गई थी।

पुलिस ने किरण पाल तथा कश्यप को गिरफ्तार कर सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज कर शुक्रवार को जेल भेज दिया जबकि राजीव पकड़ में नहीं आया। जिलाधिकारी ने बताया, 'आरोपी किरण पाल ने पूछताछ में बताया कि इससे पूर्व भी उसने कई जिलाधिकारियों को फोन करके सिफारिश की थी तथा उसने कुछ दिन पूर्व हमें भी फोन करके कहा था कि वह 1985 बैच का IAS अधिकारी है तथा वह भोपाल में कमिश्नर रह चुका है।’ (भाषा)

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