नयी दिल्ली: दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों का ग्राफ धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इस बीच दिल्ली से एक और राहत की खबर आई है। केजरीवाल सरकार ने अपने दो अस्पतालों में गैर कोविड-19 मरीजों के इलाज की सुविधा को बहाल करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इन अस्पतालों में आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया महाविद्यालय एवं अस्पताल और नेहरू होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल शामिल है। उन्होंने बताया कि इन दोनों अस्पतालों में पहले क्रमश: 100 और 35 बिस्तर कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित थे।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा छह जनवरी को जारी आदेश के मुताबिक चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान में भी कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों की संख्या 170 से घटाकर कर 50 कर दी गई है। पहले इन तीनों अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए कुल 305 बिस्तर आरक्षित थे।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 486 नए मामले आए जबकि जांच किए जा रहे नमूनों में संक्रमण दर गिरकर महज 0.63 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में अबतक कुल 6.28 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जिनमें से 10,644 लोगों की मौत हुई है।
इससे पहले 31 दिसंबर को जारी आदेश में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने लोक नायक जयप्रकाश नरायण (एलएनजेपी) अस्पताल, गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल सहित सात सरकारी अस्पतालों को आंशिक रूप से कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित किया था। आदेश के मुताबिक इन सात अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए पहले 4,696 बिस्तर आरक्षित थे लेकिन आंशिक कोविड-19 अस्पताल घोषित करने से संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों की संख्या घटकर 2,140 रह गई।
वहीं एलएनजेपी में जनरल ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है। मार्च 2020 में कोरोना के मामले सामने आने के बाद एलएनजेपी हॉस्पिटल कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बना दिया गया था। 2000 कोविड बेड की क्षमता के साथ एलएनजेपी देश का सबसे बड़ा पूर्ण रूप से कोरोना का इलाज करने वाला अस्पताल बन गया था लेकिन कोरोना के मामलों की स्थिति बेहतर होने के चलते 9 महीने बाद अब अस्पताल प्रशासन की ओर से ओपीडी सेवाओं को एक बार फिर बहाल कर दिया गया है।










