29 दिसबंर 1942 को जन्में राजेश खन्ना ने मात्र 24 साल की उम्र में बॉलीवुड में प्रवेश किया था। सिलसिला आखिरी खत से शुरु हुआ और "राज", "बहारों के सपने", "अराधना", "दो रास्ते", "कटी पंतग" और सफर की फिल्मों की सफलता का आलम यह था कि बॉलीवुड में उनकी एक अलग पहचान बन गई। 1969 से 1972 के बीच राजेश खन्ना ने 15 सिल्वर जुबली फिल्में देकर एक ऐसा रिकार्ड बनाया जिसे आज तक कोई छू भी नहीं पाया है। राजेश को सुपर सितारा कहा जाने लगा, कहा जाता है कि लड़कियां उनके सम्मोहन में कुछ इस कदर दिवानी थी कि खून से लिखे खत भेजती थी और उनकीं कारों को चूमने में भी उनकी प्रशंसकों को कोई झिझक नहीं होती थी।