Friday, May 03, 2024
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Explainer: संदेशखाली हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल में क्यों मचा है हंगामा? क्या है पूरा मामला; यहां जानें

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में आरोप के जो सुर उठे, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस मामले को लेकर महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के लोकल नेता शेख शाहजहां पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Rituraj Tripathi Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: March 04, 2024 12:42 IST
Sandeshkhali violence- India TV Hindi
Image Source : FILE संदेशखाली हिंसा पर हंगामा क्यों?

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उप मंडल में एक गांव है, जिसका नाम संदेशखाली है। यहां की कुछ महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के लोकल नेता शेख शाहजहां और उसके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। जिसके बाद से ये मामला देशभर में गरमाया हुआ है। 

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि घर-घर जाकर सुंदर लड़कियों या महिलाओं की खोज की जाती थी और फिर उन्हें उठाकर पार्टी कार्यालय ले जाया जाता था। इसके बाद उनका यौन शोषण किया जाता था। आरोप लगाने वालों का कहना है कि इस इलाके में शेख शाहजहां का इतना खौफ था कि कोई आवाज नहीं उठाता था। 

शेख शाहजहां फरार लेकिन शिवप्रसाद हाजरा समेत 18 लोग गिरफ्तार

फिलहाल इस मामले में शेख शाहजहां तो फरार है लेकिन पुलिस ने टीएमसी नेता शिवप्रसाद हाजरा समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि शिवप्रसाद हाजरा की गिरफ्तारी के साथ, मामले के 3 मुख्य आरोपियों में से दो को गिरफ्तार किया जा चुका है। पीटीआई के मुताब‍िक, तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शिवप्रसाद हाजरा को संदेशखाली से गिरफ्तार किया गया है। संदेशखाली हिंसा में हाजरा, दो मुख्य आरोपी शाहजहां शेख और उत्तम सरदार के साथ नामजद आरोपी हैं।

कैसे सामने आया ये मामला? 

5 जनवरी की एक सर्द सुबह करोड़ों रुपए के राशन वितरण घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के संदेशखाली स्थित आवास पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान शाहजहां के समर्थकों ने न केवल ईडी अधिकारियों को उसके घर में प्रवेश करने से रोका, बल्कि केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम के सदस्यों से शहर से लगभग 74 किमी दूर गांव से भागने तक मारपीट की। 

जिले के बशीरघाट उप मण्डल के अंतर्गत आने वाले संदेशखाली से जिला परिषद सदस्य शाहजहां तब से फरार है लेकिन उसके करीबियों का दावा है कि इलाके पर अब भी उसका काफी हद तक नियंत्रण है। ईडी की घटना के बाद बड़ी संख्या में महिलाआएं सड़क पर उतरीं और आरोप लगाया कि शाहजहां और उसके आदमियों ने झींगे की खेती के लिए जबरन उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया और कई सालों से वे उनको प्रताड़ित कर रहे हैं और यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। 

महिलाओं का कहना था कि शाहजहां के फरार होने से उन्हें पिछले कई सालों से जारी उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत मिली। महिलाओं का आरोप था कि इस मामले में केवल शाहजहां ही नहीं बल्कि उसका कथित साथी और तृणमूल के अन्य नेता उत्तम सरदार अैर शिवप्रसाद हजारा भी शामिल हैं। महिलाओं ने आरोप लगाया कि वो यहां रहने में असमर्थ हैं। अत्याचार या यौन उत्पीड़न का डर हमेशा बना रहता है। हम सुरक्षा चाहते हैं। हमारे ज्यादातर आदमी गांव छोड़ कर दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं।

जांच को लेकर 10 सदस्यों की टीम का गठन

5 दिन पहले ही ये खबर सामने आई थी कि पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित संदेशखाली के मामले को लेकर पुलिस अलर्ट मोड में है। इसकी जांच को लेकर 10 सदस्यों की टीम का गठन किया गया है। सोमवार को एक सीनियर अधिकारी ने बताया था कि पुलिस को हिंसा प्रभावित संदेशखाली के लोगों से केवल चार शिकायतें मिली हैं लेकिन इनमें से किसी में रेप या यौन उत्पीड़न की बात नहीं है। अधिकारी ने कहा था कि वहां हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए डीआइजी रैंक की एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।

उन्होंने महिलाओं को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया था और उनसे अपील करते हुए कहा कि अगर वे शिकायत दर्ज कराना चाहती हैं तो पुलिस से संपर्क करें। अधिकारी ने कहा कि उन्हें चार शिकायत मिली हैं जिनमें से एक में भी रेप या किसी सांप्रदायिक तरह की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि एसपी स्तर की एक महिला अधिकारी ने इलाके में घरों का दौरा कर महिलाओं से बात की है। 

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