Friday, April 26, 2024
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कीटो डाइट वजन कम करने में मददगार, साथ ही स्वामी रामदेव से जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में

कीटोजेनिक डाइट और इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने में काफी कारगर मानी जाती है। जानिए स्वामी रामदेव से इसके बारे में।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 18, 2020 10:43 IST

कीटो या कीटोजेनिक डाइट को आज के समय नें अधिकतर लोग फॉलो करते हैं। आम आदमी से लेकर बॉलीवुड स्टार भी इस डाइट को फॉलो करते हैं। इस डाइट के अलावा  इंटरमिटेंट फास्टिंग का भी ट्रेंड काफी तेजी से फैल रहा है। जानिए स्वामी रामदेव से इस डाइट के बारे में सब कुछ। 

क्या है कीटो डाइट?

इस डाइट में करीब 70 प्रतिशत फैट, 25 प्रतिशत प्रोटीन और 5 प्रतिशत कार्बोडाइड्रेट की मात्रा होती है। यह वजन कम करने के लिए काफी कारगर उपाय माना जाता है।

आमतौर पर आप जब ऐसी चीजों का सेवन अधिक कर लेते हैं जिसमें अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है तो शरीर से ग्लूकोज और इंसुलिन का उत्पादन होता है जिससे शरीर में अधिक फैट बनता है। वहीं अगर आपने कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों का सेवन किया तो फैट में एनर्जी का अधिक उत्पादन होता है इसे कीटोसिस कहा जाता है। 

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डाइट टाइट में किन चीजों का कर सकते हैं सेवन

अगर आप शाकाहारी हैं तो अधिक मात्रा में हरी सब्जियों का सेवन किया जाता है। जिसमें पालक, ब्रोकली, फूल गोभी के साथ-साथ  अधिक वसा वाली चीजें जैसे पनीर, बटर क्रीम का सेवन किया जाता है। इसके अलावा सूरजमुखी के बीज, अखरोट और नारियल तेल भी फायदेमंद।  अगर आप मांसाहारी हैं तो आप अधिक से अधिक अंडे, चिकन, मछली, मटन आदि खा सकते हैं। 

कीटो डाइट में न करें इन चीजों का सेवन

जो लोग की  इस डाइट को फॉलो करते हैं वह अनाज का सेवन करना बिल्कुल बंद कर देते हैं। इसके अलावा शुगर का सेवन कम करते हैं। फलों में सेब केले और संतरा का सेवन न करें। इसके साथ ही आलू और जिमीकंद का सेवन बिल्कुल भी न करें। 

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कीटो डाइट के नुकसान

  • इस डाइट में आप पोषक तत्वों के साथ फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करते है। जिसका सीधा असर हमारे पाचन तंत्र पर पड़ता है। जिसके कारण कब्ज की समस्या भी हो सकती है।
  • इस डाइट के कारण उल्टी, भारीपन लगना या फिर सिरदर्द की समस्या हो जाती है।
  • कीटो डाइट में बहुत ही कम भूख लगती हैं। 
  • पोषक तत्वों का सेवन कम के कारण शरीर में विटामिन्स की भी कमी हो सकती है।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग

यह वजन कम करने का सबसे लेटेस्ट ट्रेंड है। इसमें कोई स्पेशल डाइट नहीं बल्कि खाने के पैटर्न पर निर्भर है। इंटरमिटेंट फास्टिंग 3 तरीके से की जाती है। इसमें 8 दिन में 24 से 16 घंटे तक व्रत रख जाता है। 

पहला तरीका 

 6-8 घंटे के बीच खाना खाया जाता है।

दूसरा तरीका
 24 घंटे की फास्टिंग। ऐसा हफ्ते में 1 से 2 बार किया जाता है। 

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तीसरा तरीका
हफ्ते में 5 दिन नॉर्मल खाना खाते हैं। 2 दिन में करीब 500 कैलोरी लेते है। 

इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने के साथ-साथ याददाश्त बढ़ाए, तनाव से निपटने में मदद करें। 

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