Friday, March 29, 2024
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मौसम विभाग ने पहले से अधिक सटीक पूर्वानुमान प्रणाली शुरू की

मौसम विभाग ने आंधी-पानी के संकट से किसानों को फसल की बर्बादी और शहरों में जलभराव से बाढ़ की आपदा से निपटने में मदद के लिये पहले से अधिक सटीक पूर्वानुमान प्रणाली शुरू की है। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 01, 2018 19:28 IST
Kerala Monsoon- India TV Hindi
Kerala Monsoon

नयी दिल्ली: मौसम विभाग ने आंधी-पानी के संकट से किसानों को फसल की बर्बादी और शहरों में जलभराव से बाढ़ की आपदा से निपटने में मदद के लिये पहले से अधिक सटीक पूर्वानुमान प्रणाली शुरू की है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम राजीवन और मौसम विभाग के महानिदेशक के जे रमेश ने आज ‘न्यू इन्सेंबल प्रिडिक्शन सिस्टम’ नामक इस प्रणाली को शुरु करते हुये बताया कि बारिश की इतनी सटीक जानकारी देने वाला भारत दूसरा देश होगा। इसमें 12 किमी क्षेत्रफल (ग्रिड स्केल) में अगले चार से 10 दिन की अवधि में बारिश की मात्रा और समय की सटीक जानकारी दी जायेगी। फिलहाल यूरोपीय देशों में 9 किमी ग्रिड स्केल में यह जानकारी दी जाती है। 

राजीवन ने बताया कि परम कंप्यूटिंग सिस्टम द्वारा संचालित इस प्रणाली के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे देश भर में लागू किया गया है। इसमें देश को भौगोलिक आधार पर 12 किमी के खंडों में विभक्त कर जिला स्तर पर शहरों और गांवों को मौसम के पूर्वानुमान से जोड़ा गया है। मौसम विभाग बारिश की अधिकता वाले जिलों में राज्य आपदा प्रबंधन समितियों के माध्यम से स्थानीय प्रशासन को क्षेत्र विशेष में राहत एवं बचाव की अग्रिम तैयारी के लिये सूचित किया जायेगा। साथ ही कृषि मंत्रालय की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा से जुड़े किसानों को मोबाइल फोन पर पहले ही एसएमएस के जरिये बारिश की मात्रा और समय की अग्रिम जानकारी मिल जायेगी। 

रमेश ने बताया कि इस तकनीक का संचालन नोएडा और पूना में स्थित इस प्रणाली के नियंत्रण केन्द्र के जरिये किया जायेगा। मौजूदा व्यवस्था में मौसम संबंधी पूर्वानुमान संभावनाओं पर आधारित होता है, लेकिन पहली बार यह प्रबल संभाव्यता पर आधारित होगा। इसके शुरु होने से 12 किमी के दायरे में अगले चार दिनों में होने वाली बारिश की मात्रा को बिना किसी अनिश्चितता के बताया जा सकेगा। 

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