नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 20,471 हो गई है। इनमें से 3959 लोग ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है जबकि कुल 652 लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है और एक शख्स को विस्थापित किया गया है। ऐसे में मौजूदा वक्त में कुल 15,859 मामले ही सक्रिय हैं। यह आंकड़े स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट से लिए गए हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश के कुल 32 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। इनमें महाराष्ट्र सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य है। सिर्फ महाराष्ट्र में ही कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 5221 है। राज्य में कुल 722 लोग ठीक हुए हैं जिन्हें अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है जबकि कुल 251 लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है।
किस राज्य में कितने मामले?
वहीं, उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1412 मामले अब तक सामने आ चुके हैं और कुल 21 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 1226 है जबकि 165 मरीज डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। हेल्थ बुलेटिन में बताया गया कि राज्य के 10 जिले संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
इसके अलावा मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा बुधवार को 1592 हो गया है। इसमें केवल इंदौर में 923 मरीज मिले है। इसके अलावा भोपाल में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 303 तक पहुंच गया है। इस वायरस के कारण मध्य प्रदेश में 80 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 52 लोग केवल इंदौर में मारे गए है। राज्य में 28 जिले कोरोना वायरस की चपेट में है। इस वायरस के कारण अबतक राज्य में 152 लोग स्वस्थ हो चुके है।
वहीं, देश में मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हो रही घटनाओं को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आज एक अध्यादेश जारी करने और इसके लिये महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन करने के मंत्रालय के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी। मंत्रालय ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को हरसंभव कारगर उपाय करने का निर्देश दिया है।
केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किया है कि मेडिकल टीम पर हमला करनेवालों को 3 महीने से 5 साल तक सजा होगी और 50 हजार से लेकर 2 लाख रूपये तक का जुर्माना भरना होगा। अगर गम्भीर हानि / चोट होगी तो 6 महीने से 7 साल तक की सज़ा और 1 लाख ये 5 लाख तक जुर्माना देना होगा। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।