Sunday, April 28, 2024
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सिर्फ इतने दिनों की है बात, फिर कम हो जाएंगे टमाटर के दाम

पिछले कुछ दिनों से लोगों को टमाटर की कीमतें रुला रही रही हैं। इसके दाम में अप्रत्याशित वृद्धि की वजह से किचन में इसकी मौजूदगी पहले के मुकाबले कम हो गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 30, 2017 13:51 IST
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नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से लोगों को टमाटर की कीमतें रुला रही रही हैं। इसके दाम में अप्रत्याशित वृद्धि की वजह से किचन में इसकी मौजूदगी पहले के मुकाबले कम हो गई है। हालांकि अब ग्राहकों के लिए राहत की खबर आई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि दक्षिणी और अन्य उत्पादक राज्यों से आपूर्ति बढ़ने की वजह से टमाटर के दाम अगले 15 दिन में नीचे आ जाएंगे।

गौरतलब है कि इस समय देश के कई हिस्सों में टमाटर 100 रुपये प्रति किलो तक की कीमत पर बिक रहा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार देश के ज्यादातर हिस्सों में टमाटर की कीमत पिछले लगभग एक महीने से आसमान पर पहुंच चुकी है। मंत्रालय के 29 जून तक आंकड़ों के अनुसार महानगरों की बात की जाए तो दिल्ली में यह 92 रुपये किलोग्राम पर है। कोलकाता में 95 रुपये, मुंबई में 80 रुपये और चेन्नई में 55 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है। अन्य शहरों की बात करें तो लखनऊ में टमाटर की 95 रुपये, भोपाल और तिरुवनंतपुरम में 90 रुपये, अहमदाबाद में 65 रुपये, जयपुर में 60 रुपये, पटना में 60 रुपये और हैदराबाद में 55 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत होने की खबर है।

उत्पादक क्षेत्रों में भी टमाटर काफी महंगा बिक रहा है। शिमला में यह 83 रुपये और बेंगलुरु में 75 रुपये किलोग्राम तक बिक रहा है। किस्म और गुणवत्ता के आधार पर इसकी कीमतों में अंतर हो सकता है। ICAR के उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान) एके सिंह ने बताया, ‘मेरा व्यक्तिगत तौर पर आकलन है कि दक्षिणी राज्यों और अन्य उत्पादक क्षेत्रों से आपूर्त बढ़ने के अगले 15 दिन में टमाटर के दाम नीचे आएंगे।’ बारिश कम होने के बाद आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और यहां तक कि महाराष्ट्र से आपूर्ति सुधरेगी और कीमतों पर दबाव कम होगा। सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान तथा अन्य उत्पादक राज्यों में भारी बारिश से टमाटर की फसल को कुछ नुकसान पहुंचा है। साथ ही परिवहन संबंधी मुद्दों की वजह से काटी जा चुकी फसल को भी समय पर बाजार पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा मंडियों में उपज को पहुंचाने की लागत भी बढ़ रही है क्योंकि बारिश और बाढ़ की वजह से इसमें सामान्य से ज्यादा समय लग रहा है। दिल्ली के टमाटर मर्चेंट एसोसिएशन (आजादपुर मंडी) के अशोक कौशिक ने कहा कि अधिक समय लगने की वजह से परिवहन की लागत बढ़ चुकी है। आपूर्ति में अगले दो सप्ताह में सुधार की उम्मीद है। सरकार ने फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में देश का कुल टमाटर उत्पादन 15 प्रतिशत अधिक यानी 187 लाख टन रहने का अनुमान लगाया है। लेकिन इस बात की संभावना है कि मौजूदा नुकसान के आकलन के बाद इन आंकड़ों में संशोधन किया जाएगा।

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