Friday, December 05, 2025
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अस्थमा, हार्ट अटैक और डायबिटीज... जानिए ये धुंध कितनी है खतरनाक? पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने जारी की हेल्थ एडवाइजरी

वायु प्रदूषण के चलते लोगों के आखों में जलन हो रही है। सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। शाम के समय ये प्रदूषण दिल्ली के कई इलाकों में और ज्यादा हो जाता है। ऐसे में पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर एडवाइडरी जारी की है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Dec 05, 2025 07:56 am IST, Updated : Dec 05, 2025 08:06 am IST
दिल्ली में वायु प्रदूषण से छाई धुंध- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली में वायु प्रदूषण से छाई धुंध

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण काफी खतरनाक स्थिति में है। ऐसे में छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों में कई तरह की बीमारियां पनप रही हैं। ये धुंध जानलेवा भी साबित हो रही है। बिगड़ते वायु प्रदूषण ने पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों के एक समूह का भी ध्यान खींचा है। पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने एक तत्काल राष्ट्रीय स्वास्थ्य सलाह जारी की है।  

इसमें चेतावनी देते हुए कहा गया है कि कि देश एक 'महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल' (Important Public Health Emergency) का सामना कर रहा है, क्योंकि दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और कई अन्य क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक गिर गई है। 

बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर गहर असर

डॉक्टरों के इस खास समूह की एडवाइजरी में सभी आयु समूहों, विशेषकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और हृदय या फेफड़ों की बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए बढ़ते स्वास्थ्य जोखिमों पर जोर डाला गया है।

अस्थमा और दिल के दौरे का खतरा बढ़ा

80 से अधिक मशहूर विशेषज्ञों डॉक्टरों के द्वारा साइन किए गए इस एडवाइजरी में इस बात पर जोर दिया गया है कि स्वच्छ हवा एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए तत्काल सामूहिक कार्रवाई अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जहरीली हवा गंभीर श्वसन समस्याओं को जन्म दे रही है। लोगों में अस्थमा के दौरे बढ़े रहे हैं। दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा रहा है। यहां तक कि ये वायु प्रदूषण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के नियंत्रण को भी प्रभावित कर रहा है। पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से बच्चों के फेफड़ों को स्थायी नुकसान हो सकता है। 

डॉक्टरों की टीम ने सुझाए ये उपाय

डॉक्टरों ने अपनी एडवाइजरी में व्यावहारिक उपाय भी सुझाए हैं। इसमें नागरिकों से कहा गया है कि जहां तक संभव हो, घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। और बाहर निकलते समय N95 मास्क लगाए रखें। वायु प्रदूषण के चरम समय में बाहर वॉक करने से बचें। वायु गुणवत्ता सबसे खराब होने पर दरवाजें और खिड़कियां बंद रखने की भी सलाह दी गई है। 

घर में वेंटिलेशन का रखें ध्यान

जिन घरों में प्यूरीफायर की सुविधा नहीं है, उनके लिए विशेषज्ञ कम लागत वाले विकल्पों की सलाह दी है। जैसे कि फर्श को गीला करके पोंछना। घर के अंदर के धुएं से बचना शामिल है। साथ ही खाना बनाते समय उचित वेंटिलेशन बनाए रखना है। 

कार्रवाइयों की रूपरेखा भी तैयार की

डॉक्टरों ने सामुदायिक स्तर पर की जाने वाली कार्रवाइयों की रूपरेखा भी तैयार की है। जैसे कि कूड़े के ढेर को जलाने से बचाना, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को कम करना। घरों के निर्माण कार्य से उत्पन्न धूल की सूचना देना। साथ ही उन्होंने सख्त प्रदूषण नियंत्रण और AQI आधारित सार्वजनिक परामर्श सहित सरकार से इस मामले में और जरूरी कदम उठाने का आह्वान किया है। (इनपुट-एएनआई)

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