Thursday, May 09, 2024
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Owaisi On Gyanvapi: ज्ञानवापी मसला बाबरी मस्जिद के रास्ते पर जा रहा है... जानें और क्या-क्या बोले ओवैसी

Owaisi On Gyanvapi: ज्ञानवापी पर वाराणसी जिला कोर्ट के फैसले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील होनी चाहिए। ओवैसी ने कहा कि इस फैसले से देश 80-90 के दशक में वापस चला जाएगा और वर्शिप एक्ट का मकसद ही खत्म हो जाएगा।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @SwayamNiranjan
Updated on: September 13, 2022 6:33 IST
AIMIM chief Asaduddin Owaisi- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV GFX AIMIM chief Asaduddin Owaisi

Highlights

  • ज्ञानवापी पर कोर्ट के फैसले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी
  • हाईकोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील होनी चाहिए
  • "इस फैसले से देश 80-90 के दशक में वापस चला जाएगा"

Owaisi On Gyanvapi: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले की पोषणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को खारिज कर दिया और कहा कि वह पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी। इसको लेकर अब AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है। ओवैसी ने कहा कि इस फैसले के बाद हर कोई कोर्ट में जाकर ये कहेगा कि 1974 से पहले से हम यहां थे, तो फिर 1991 प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट की अहमियत खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले के खिलाफ अपील होनी चाहिए। 

"मुसलमानों से एक्सचेंज किया गया प्लॉट"

ओवैसी ने कहा कि 1991 का वर्शिप एक्ट इसलिए बनाया गया था ताकि इस तरह के सभी विवाद हमेशा के लिए खत्म हो जाएं। लेकिन आज के आदेश के बाद इन तमाम मुद्दों पर फिर से कानूनी मुकदमे शुरू हो जाएंगे। हम दोबारा 80 और 90 के दशक में वापस जा रहे हैं। ओवैसी ने कहा कि इस तरह से ये मुकदमा उसी रास्ते पर जा रहा है जिसपर बाबरी मस्जिद का मुद्दा गया था। ओवैसी ने इस दौरान कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने जिस बड़े से मंदिर का उद्घाटन किया था, प्लॉट संख्य 93 और 94 मुसलमानों से एक्सचेंज किया गया है, प्लॉट एक्सचेंज के रजिस्टर्ड दस्तावेज भी हैं।

"ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन है"
ओवैसी ने आगे कहा कि 1881-84 के खसरा में ये लिखा है कि प्लॉट नंबर 9130 को लेकर मकबूजे अहले इस्लाम मस्जिद का जिक्र है। उन्होंने कहा कि साल 1942 में वक्फ का गजेट इश्यू हुआ था कि ये मस्जिद वक्फ है। उन्होंने साल 1937 के एक दूसरे केस में फैसला आया था जिसमें कहा गया था कि ये मस्जिद, मस्जिद के नीचे की जमीन, घर, उत्तर और दक्षिण में पूरा वक्फ है। ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन है। 

"1991 के वर्शिप एक्ट का मतलब खत्म हो जाएगा"
ओवैसी ने कहा कि जब बाबरी मस्जिद का फैसला आया है, इससे और मुश्किलें बढ़ेंगी, क्योंकि ये फैसले आस्था पर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 15 अगस्त 1947 में जो था वही रहेगा। ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अगर आप कोई ऐसा काम करेंगे कि जिससे उस धार्मिक स्थान का नेचर बदल जाता है तो फिर 1991 का एक्ट को मतलब ही खत्म हो जाता है। ओवैसी ने कहा कि इस तरह से पूरे देश में अस्थिरता पैदा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट को ऐसे मामलों पर शुरुआती स्टेज पर ही रोक लगानी चाहिए।   

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