Wednesday, January 15, 2025
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चंद्रयान-3 की लैंडिंग में अब कुछ ही घंटे बाकी, इसरो ने ट्वीट कर दी ये बड़ी खुशखबरी

चंद्रयान-3 की लैंडिंग में अब कुछ ही घंटे शेष हैं। इस बीच इसरो ने जानकारी दी है कि विक्रम रोवर के लैंडिंग की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।

Edited By: Kajal Kumari
Published : Aug 22, 2023 13:11 IST, Updated : Aug 22, 2023 14:07 IST
chandrayan landing updates
Image Source : ISRO चंद्रयान की लैंडिंग का बड़ा अपडेट

Chanrayaan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन बुधवार, 23 अगस्त को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास कर रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि सभी प्रणालियों की नियमित जांच हो रही है और विक्रम रोवर का सुचारू संचालन जारी है। इसरो ने बताया है कि मिशन का समय तय है और सिस्टम की नियमित जांच चल रही है। सबकुछ सुचारू रूप से जारी है। मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) पूरी ऊर्जा और उत्साह से भरा हुआ है!

इसरो ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार MOX/ISTRAC पर लैंडिंग ऑपरेशन का सीधा प्रसारण 23 अगस्त, 2023 को 17:20 बजे शुरू होगा। 

अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 19 अगस्त, 2023 को लगभग 70 किमी की ऊंचाई से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें भी साझा कीं थीं। 

चंद्रयान-3 का अब तक का सफर-:

6 जुलाई: इसरो ने घोषणा की कि चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च होगा।

7 जुलाई: सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किये गये।

11 जुलाई: 24 घंटे का 'लॉन्च रिहर्सल' सफलतापूर्वक किया गया।

14 जुलाई: इसरो के LVM3 M4 ने चंद्रयान-3 को उसकी निर्धारित कक्षा में लॉन्च किया।

15 जुलाई: मिशन की पहली ऑर्बिट रेजिंग की प्रक्रिया बेंगलुरु में सफल रही। अंतरिक्ष यान 41762 किमी x 173 किमी की कक्षा में पहुंचा।

17 जुलाई: दूसरे ऑर्बिट रेजिंग के बाद चंद्रयान -3 को 41603 किमी x 226 किमी की कक्षा में स्थापित किया।

22 जुलाई: चौथी ऑर्बिट रेजिंग, पृथ्वी-बाउंड पेरिजी फायरिंग, ने अंतरिक्ष यान को 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया।

25 जुलाई: कक्षा बढ़ाने का एक और प्रयास सफलतापूर्वक किया गया।

1 अगस्त: एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर में, चंद्रयान-3 ने 288 किमी x 369328 किमी की कक्षा के साथ ट्रांसलूनर कक्षा में प्रवेश किया।

5 अगस्त: अंतरिक्ष यान ने 164 किमी x 18074 किमी पर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया।

6 अगस्त: अंतरिक्ष यान की कक्षा को चंद्रमा के चारों ओर 170 किमी x 4,313 किमी तक कम कर दिया गया।

9 अगस्त: एक और अभ्यास किया गया जिससे अंतरिक्ष यान को 174 किमी x 1437 किमी तक नीचे लाया गया।

14 अगस्त: मिशन ने 151 किमी x 179 किमी कक्षा के कक्षा गोलाकार चरण में प्रवेश किया।

16 अगस्त: फायरिंग के बाद अंतरिक्ष यान 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में प्रवेश कर गया।

17 अगस्त: लैंडिंग मॉड्यूल, जिसमें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे, को इसके प्रणोदन प्रणाली से अलग कर दिया गया।

18 अगस्त: अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक 'डीबूस्टिंग' ऑपरेशन पूरा किया जिससे इसकी कक्षा 113 किमी x 157 किमी तक कम हो गई। डीबूस्टिंग खुद को एक ऐसी कक्षा में स्थापित करने के लिए धीमा करने की प्रक्रिया है जहां कक्षा का चंद्रमा से निकटतम बिंदु (पेरिल्यून) 30 किमी है और सबसे दूर का बिंदु (अपोल्यून) 100 किमी है।

20 अगस्त: चंद्रयान-3 ने दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन किया और एलएम कक्षा को घटाकर 25 किमी x 134 किमी कर दिया।

23 अगस्त: अगर सब कुछ ठीक रहा और योजना के मुताबिक, अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।

इस बीच, इसरो के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी लैंडिंग के साथ आगे तभी बढ़ेगी जब उस दिन स्थितियां "अनुकूल" होंगी; वरना 27 अगस्त को दोबारा प्रयास किया जाएगा।

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