Wednesday, April 23, 2025
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Rajat Sharma's Blog | पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर कब आएगा?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जो कहा हर भारतवासी की इच्छा है, हमारा कश्मीर हमें जल्दी वापस मिले। ये मांग, ये ललक आज की नहीं, बरसों पहले की है।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Mar 07, 2025 18:10 IST, Updated : Mar 07, 2025 18:11 IST
Rajat sharma, INDIA TV
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने का संकल्प एक बार फिर दोहराया। लंदन की धरती पर विदेश मंत्री ने कहा कि जिस दिन POK वापस आ जाएगा, उसके बाद कश्मीर की समस्या हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। एस. जयशंकर आजकल ब्रिटेन के दौरे पर हैं। लंदन में जयशंकर ने ब्रिटेन के पीएम, विदेश मंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात के बाद जब मशहूर थिंक टैंक चैटम हाउस पहुंचे, तो सवाल-जवाब का दौर शुरू हुआ। वहां मौजूद एक पाकिस्तानी पत्रकार ने जयशंकर को परेशान करने की नीयत से कश्मीर का सवाल उठाया। पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा कि वो कश्मीर मसले का क्या हल देखते हैं और भारत इसका कैसे हल निकालेगा। एस. जयशंकर ने करारा जबाव दिया। कहा कि कश्मीर की समस्या काफी हद तक हल हो चुकी है, पहले धारा 370 हट गयी, अब विकास हो रहा है, निष्पक्ष चुनाव हो चुके हैं, जम्मू कश्मीर में चुनी हुई सरकार है, अब जैसे ही कश्मीर का चुराया गया हिस्सा पाकिस्तान से मिलेगा, वैसी ही कश्मीर समस्या हल हो जाएगी। जयशंकर ने सवाल पूछने वाले की बोलती बंद कर दी। पूछने वाला भी जानता था कि पाकिस्तान ने हमारे कश्मीर के कुछ हिस्से पर कब्जा किया हुआ है। POK को आतंकवादियों के लिए लॉन्च पैड बनाया है। एस. जयशंकर ने जो कहा हर भारतवासी की इच्छा है, हमारा कश्मीर हमें जल्दी वापस मिले। ये मांग, ये ललक आज की नहीं, बरसों पहले की है। लेकिन आज जयशंकर ने जो कहा, वो बाकी दुनिया को समझाने के लिए है, कि पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर और भारत के पास जो कश्मीर है, उसमें कितना फर्क है। ये बताने के लिए है कि हमारे कश्मीर में कश्मीरियत है, जम्हूरियत है और इंसानियत है। इसीलिए जयशंकर ने चुनाव का जिक्र किया, आर्टिकल 370 हटाने की बात की और कश्मीर के लोगों की समृद्धि का अंतर समझाया। वह ये दावा इसीलिए कर पाए क्योंकि नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 साल में ये करके दिखाया है। इसका सबसे बड़ा सबूत ये है कि पाकिस्तान की ISI अब frustated हो चुकी है और घटिया हरकतों पर उतर आई है।

क्या शमी ने रोज़ा न रखकर गुनाह किया ?

चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल से पहले क्रिकेटर मोहम्मद शमी को कुछ कट्टरपंथी मौलानाओं ने टारगेट किया। शमी पर इस्लाम के नियम कायदों की तौहीन का इल्जाम लगाकर उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया। सोशल मीडिया पर शमी की एक फोटो वायरल की गई। ये तस्वीर भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल की है जिसमें शमी मैदान में एनर्जी ड्रिंक पीते हुए दिख रहे हैं। इसी तस्वीर के आधार पर सोशल मीडिया पर शमी को ट्रोल किया गया। कई मौलानाओं और कट्टरपंथियों ने कहना शुरू कर दिया कि रमजान के महीने में मोहम्मद शमी ने रोज़ा न रखकर बड़ा गुनाह किया है। किसी ने लिखा कि रमजान के वक्त खुलेआम एनर्जी ड्रिंक पीना रोज़े की तौहीन है। किसी ने शमी से सवाल किया कि धर्म बड़ा या देश। किसी ने कहा कि शमी को हिन्दू इसीलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें मज़हब से दूर रहने वाले मुसलमान पसंद है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने तो शमी को इस्लाम का गुनहगार ठहरा दिया। मौलाना बरेलवी ने कहा कि रोज़ा रखना हर मुसलमान के लिए जरूरी है, शमी ने दो गुनाह किए हैं, उन्होंने रोज़ा नहीं रखा और ग्राउंड पर पानी पीकर मुसलमानों को गलत पैगाम दिया, ये रोज़े की तौहीन है, उन्हें इसकी सज़ा भुगतनी पड़ेगी। ऐसा लगता है कि आजकल क्रिकेट स्टार्स को निशाना बनाने का मौसम है। रोहित शर्मा के बाद अब मोहम्मद शमी का नंबर आ गया। शमी से ये पूछने वाले कि उन्होंने रमजान के दिनों में पानी क्यों पीया, रोजा क्यों नहीं रखा, ये भूल गए कि शमी टीम इंडिया के मेन स्ट्राइक बॉलर हैं, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया को हराने में उनकी बड़ी भूमिका रही है। क्रिकेट मैदान में अगर वो एनर्जी ड्रिंक नहीं पिएंगे तो कैसे परफॉर्म करेंगे? जो लोग मज़हब की आड़ में शमी को कोस रहे हैं, वो इस्लाम को नहीं जानते। जो मौलाना, शमी के खिलाफ फतवा जारी कर रहे हैं, शमी को सच्चा मुसलमान मानने से इनकार कर रहे हैं, असल में वो खुद सच्चे मुसलमान नहीं है। बारह साल पहले साउथ अफ्रीका के प्लेयर हाशिम अमला से यही सवाल पूछा गया था कि उन्होंने मैच के दौरान रोज़ा क्यों नहीं रखा। तो अमला ने कहा था कि इस्लाम में जब हम ट्रैवल कर रहे होते हैं, तो फास्ट रखने की जरूरत नहीं होती, जब मैं घर जाऊंगा तो सारी कमी पूरी कर दूंगा। मोहम्मद शमी को भी ऐसे मौलानाओं की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। मुझे पूरा यकीन है कि रविवार को जब मैच होगा, जब मोहम्मद शमी मैदान में उतरेंगे तो न्यूजीलैंड को हराने में भारत को चैंपियन बनाने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका होगी। पूरे देश को उनपर गर्व है और रहेगा।

क्या भैयाजी ने मराठी भाषा का अपमान किया ?

महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता सुरेश भैयाजी जोशी पर मराठी भाषा के अपमान का इल्जाम लगाया। भैयाजी जोशी ने मुंबई के एक प्रोग्राम में कह दिया कि मुंबई की कोई एक भाषा नहीं है, इसलिए मुंबई में रहने के लिए मराठी सीखना ज़रूरी नहीं है। महाविकास आघाड़ी ने इसे मुद्दा बना दिया और सड़क से लेकर सदन तक भैया जी जोशी के खिलाफ प्रोटेस्ट किया। उद्धव ठाकरे की अगुवाई में महाविकास अघाड़ी के तमाम नेता मुंबई के हुतात्मा चौक पहुंचे, मराठी अस्मिता को लेकर एकजुटता दिखाई। विपक्ष के नेताओं ने विधानसभा में भी ये मुद्दा उठाया। आघाड़ी के विधायकों का कहना था कि बीजेपी और RSS के लोग मराठी भाषा और मराठी अस्मिता का अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इसे सियासी मुद्दा बना रहे हैं, जबकि इसमें कोई शक है ही नहीं कि मराठी ही महाराष्ट्र की भाषा है और किसी ने मराठी भाषा का अपमान नहीं किया है। भैयाजी जोशी ने मराठी का अपमान नहीं किया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि मुंबई में हिन्दी, गुजराती, मराठी और दूसरी भाषाएं बोलने वाले भी रहते हैं, यह मुंबई के विशेषता है, इसीलिए मुंबई में आने वालों को अगर मराठी नहीं आती तो भी उन्हें भाषा की दिक्कत नहीं होती। बात सिर्फ इतनी थी लेकिन उद्धव ठाकरे ने इसे मराठी के अपमान का मुद्दा बना दिया। उद्धव ठाकरे ने भैयाजी जोशी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने का मांग कर दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी और RSS के लोग महाराष्ट्र को बांटना चाहते हैं। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नीतेश राणे ने कहा कि महाविकास अघाड़ी के नेता मराठी अस्मिता के नाम पर नौटंकी कर रहे हैं, जबकि ये वही लोग हैं जो चुनाव के दौरान अपने बैनर में ‘केम छो’ लिखवा कर वोट मांग रहे थे। भैया जी जोशी ने न मुंबई के लोगों का अपमान किया, न मराठी भाषा का। लेकिन इसके बाद भी उद्धव ठाकरे और उनके सहयोगियों ने भैयाजी जोशी के बयान को मुद्दा बनाया। इसकी वजह है बीएमसी का चुनाव। मुंबई में बीएमसी का चुनाव जल्द होना है। उद्धव ठाकरे को हार का डर है इसलिए वह बीजेपी के खिलाफ मराठी सेंटीमेंट का इस्तेमाल करना चाहते हैं और भैया जी जोशी के बयान को मराठी भाषा के खिलाफ बताना इसी रणनीति का हिस्सा है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 6 मार्च, 2025 का पूरा एपिसोड

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