Friday, April 26, 2024
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किसानों का प्रदर्शन जारी, मुद्दे का हल निकालने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने की बैठक

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वरिष्ठ नेताओं के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 30, 2020 16:59 IST
Amit Shah Meets Agriculture Minister As Farmers Threaten To Block Delhi- India TV Hindi
Image Source : PTI कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है।

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वरिष्ठ नेताओं के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। शाह के आवास पर सोमवार सुबह शुरू हुई बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता भी मौजूद रहे। सूत्रों ने बताया कि यह बैठक केंद्र सरकार द्वारा किसानों को उनके विरोध को समाप्त करने और राजी करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार-विमर्श करने के लिए की गई है। 

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बैठक उन कदमों के बारे में फैसला करने के लिए हुई, जिनसे विवादास्पद मुद्दों को चर्चा के माध्यम से हल किया सके। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि सरकार किसी भी समय किसानों को बातचीत के लिए निमंत्रण भेज सकती है। इस बैठक से एक दिन पहले ही किसानों ने बुराड़ी के मैदान में जाने से मना कर दिया था। सरकार ने कहा था कि वह बातचीत के लिए तैयार है, मगर साथ ही किसानों से अपील भी की थी कि वह उत्तर-पश्चिम दिल्ली के बुराड़ी मैदान चले जाएं।

बैठक से दो दिन पहले ही गृह मंत्री ने यह घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, "अगर किसान यूनियन तीन दिसंबर से पहले चर्चा करना चाहते हैं, तो मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जैसे ही आप अपना विरोध निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित करेंगे तो अगले ही दिन आपकी चिंताओं को दूर करने के लिए हमारी सरकार आपके साथ बातचीत करेगी।"

सोमवार को पांचवें दिन भी किसानों का विरोध जारी रहा। कुछ किसान नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि सरकार उनके विरोध पर अपना रुख नरम कर सकती है। पिछले पांच दिनों के दौरान किसानों और केंद्र सरकार ने अपने भविष्य के कार्यो को तय करने के लिए कई बैठकें आयोजित की हैं। लेकिन वे अब तक इस मुद्दे पर बातचीत के लिए आगे नहीं आए हैं।

शाह के आश्वासन के बाद यह पता चला है कि कुछ किसान नेता भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं और अगर केंद्र सरकार बिना शर्त बात करने के लिए तैयार हो जाती है तो वे केंद्र से चर्चा के लिए तैयार हो जाएंगे।

इस बीच हरियाणा के रास्ते दिल्ली आने वाले प्रमुख मार्गो पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली-चंडीगढ़, टीकरी बॉर्डर पर दिल्ली-रोहतक और गाजीपुर की सीमा पर दिल्ली-गाजियाबाद मार्ग पर बड़ी संख्या में किसान डटे हुए हैं। भारी पुलिस उपस्थिति के बीच उन्हें अपने वर्तमान स्थानों पर रैली करने की अनुमति दी गई है।

किसान सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। कुल 31 किसान यूनियनों के प्रमुख ने 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। दिल्ली चलो के नारे के साथ निकले किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी का रुख किया था। इनमें अधिकतर किसान पंजाब से हैं, जबकि कुछ किसान हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भी हैं। पुलिस ने एहतियात के तौर पर दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को हरियाणा-दिल्ली की सीमा पर ही रोक दिया था।

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