Friday, March 29, 2024
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राज्यसभा चुनाव: मध्य प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई, अधर में कमलनाथ सरकार

राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी, जहां कांग्रेस के कम से कम 22 विधायकों के बगावत के चलते कमलनाथ सरकार का भविष्य अधर में लटक गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 13, 2020 7:07 IST
राज्यसभा चुनाव: मध्य प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई- India TV Hindi
राज्यसभा चुनाव: मध्य प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई

नयी दिल्ली: राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मध्य प्रदेश में होने वाले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी, जहां कांग्रेस के कम से कम 22 विधायकों के बगावत के चलते कमलनाथ सरकार का भविष्य अधर में लटक गया है। वहीं, राज्य में तीन सीटों के लिए दोनों पार्टियों ने दो-दो प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। 

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दोनों पार्टियां विधायकों के संख्या बल के आधार पर आसानी से अपने एक-एक प्रत्याशियों को राज्यसभा भेज सकती है। जबकि तीसरी सीट के लिए कांग्रेस को बढ़त मिलती दिख रही थी लेकिन 22 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे के साथ संख्याबल के इस खेल में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। 

इस्तीफा देने वाले अधिकतर विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं, जिन्होंने कांग्रेस से मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद बुधवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। राज्य की 228 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या आधिकारिक रूप से 114 है, जबकि पार्टी को चार निर्दलीय, दो बहुजन समाज पार्टी और एक विधायक का समर्थन भी हासिल है। 

बेंगलुरु में डेरा डाले अगर 22 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है या राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान वे अनुपस्थित रहते हैं तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 रह जाएगी। ऐसी स्थिति में कांग्रेस के पास सिर्फ 92 सदस्य होंगे, जबकि भाजपा के खेमें में 107 विधायक होंगे। 

उम्मीद है कि भाजपा के सिंधिया और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे क्योंकि वे संभवत: अपनी-अपनी पार्टियों की पहली पसंद है। तीसरी सीट के लिए भाजपा के सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के फूल सिंह बरैया के बीच मुकाबला होगा। 

सोलंकी की उम्मीदवारी की घोषणा मंगलवार को की गई और वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे हैं। वह संघ की विभिन्न योजनाओं के तहत राज्य के आदिवासी इलाको में काम कर रहे हैं। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को भोपाल पहुंचे। यहां भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया।

इस दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को रावण और कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को विभीषण बता दिया है। उन्होंने कहा कि लंका में आग लगाने के लिए विभीषण की जरूरत पड़ती ही है। 

इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस और कमलनाथ पर पर निशाना साधते हुए कहा कि कल तक तो ये कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए सिंधिया को महाराज, महाराज कहते थे और अब माफिया कहते हैं। क्या एक दिन में सिंधिया जी महाराज से माफिया हो गए।

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