नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बृहस्पतिवार को उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए, हालांकि तीनों नेताओं ने शिवसेना प्रमुख को पत्र लिखकर शुभकामनाएं दीं। सोनिया और राहुल ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाने के लिए खेद प्रकट किया। सोनिया ने ठाकरे को लिखे पत्र में उन्हें शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व में बनने जा रही सरकार राज्य की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।
उद्धव के पुत्र आदित्य ठाकरे ने बुधवार की रात सोनिया और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया था। मनमोहन ने उद्धव को लिखे पत्र में शपथ ग्रहण को ‘ऐतिहासिक कार्यक्रम’ करार दिया और उद्धव के ‘दूरदर्शी नेतृत्व’ की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्हें बधाई भी दी। राहुल गांधी ने भी ठाकरे को शुभकमानाएं दीं और शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हो पाने के लिए खेद जताया। उद्धव को लिखे पत्र में गांधी ने यह भरोसा भी जताया कि शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस मिलकर एक स्थिर, धर्मनिरपेक्ष और जनहित वाली सरकार देंगी।
क्या राहुल गांधी शर्मिंदगी के कारण ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं गए: भाजपाभाजपा ने अतीत में गोडसे की सराहना कर चुकी शिवसेना को लेकर बृहस्पतिवार को कांग्रेस को घेरने की कोशिश की और सवाल किया कि क्या इसी वजह से राहुल गांधी को महाराष्ट्र सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने में शर्मिंदगी महसूस हुई। महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन ने लंबे समय तक भाजपा की सहयोगी रही शिवसेना से हाथ मिलाया है और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
भाजपा के प्रवक्ता जी वी एल नरसिम्हा राव ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘राहुल गांधी पांखड करना बंद कीजिए। आप उसी तरह के विचार वाले को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बना रहे हैं। सामना के प्रधान संपादक उद्धव ठाकरे ने लिखा था कि गोडसे देशभक्त था। क्या इसी वजह से शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने में आपको शर्म हुई।’’