नई दिल्लीः विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन विधेयक 2025 यानी 'जी राम जी' बिल मंगलवार को लोकसभा में भारी हंगामे के बीच पेश किया गया। मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बिल को पेश कियाय़ यह बिल मनरेगा की जगह लेगा। लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस बिल का विरोध किया। कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना उनका अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि विधेयक को वापस लिया जाए या फिर संसदीय समिति के पास भेजा जाए।
ग्राम पंचायत का अधिकार छीन रही सरकारः प्रियंका
लोकसभा में प्रियंका गांधी ने कहा कि मुझे नाम बदलने की यह सनक समझ नहीं आती। इसमें खर्चा बहुत होता है। इसलिए मुझे समझ नहीं आता कि सरकार बेवजह ऐसा क्यों कर रही है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) ने गरीब लोगों को 100 दिन के रोज़गार का अधिकार दिया था। यह बिल उस अधिकार को कमज़ोर करेगा। सरकार ने दिनों की संख्या तो बढ़ा दी है लेकिन मज़दूरी नहीं बढ़ाई। पहले ग्राम पंचायत तय करती थी कि मनरेगा का काम कहां और किस तरह का होगा, लेकिन यह बिल कहता है कि केंद्र सरकार तय करेगी कि फंड कहां और कब देना है। इसलिए ग्राम पंचायत का अधिकार छीना जा रहा है। हमें यह बिल हर तरह से गलत लगता है।
प्रियंका ने कहा कि मनरेगा में 90% अनुदान केंद्र से आता था, लेकिन इस विधेयक में ज्यादातर प्रदेशों में अब 60% अनुदान ही आएगा। इससे प्रदेशों की अर्थव्यवस्था पर बहुत भार पड़ेगा। ये उन प्रदेशों को और प्रभावित करेगा जिनकी अर्थव्यवस्था पहले से ही केंद्र की GST के बकाया का इंतजार कर रही है। इस विधेयक द्वारा केंद्र का नियंत्रण बढ़ाया जा रहा है और जिम्मेदारी घटाई जारी जा रही है। ये विधेयक काम के दिन 100 से बढ़ाकर 125 करने की बात करता है, लेकिन इसमें मज़दूरी बढ़ाने की कोई बात नहीं है।
शिवराज सिंह चौहान ने दी ये दलील
ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच यह विधेयक पेश करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। चौहान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महात्मा गांधी हमारे दिलों में बसते हैं। उनका कहना था कि मोदी सरकार महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर आधारित कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस की सरकार ने भी जवाहर रोजगार योजना का नाम बदला था तो क्या यह पंडित जवाहरलाल नेहरू का अपमान था?
शिवराज सिंह ने कहा कि सरकार ने मनरेगा पर 8.53 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि हम इस विधेयक में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दे रहे हैं। यह कोई कोरी गारंटी नहीं है, बल्कि 1.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से गांवों का संपूर्ण विकास होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के आखिरी शब्द भी राम जी ही थे।