Saturday, April 27, 2024
Advertisement

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने खारिज की ताजिया दफन करने की अनुमति की मांग वाली याचिका

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुहर्रम के दौरान ताजिया का जुलूस निकालने और ताजिया दफनाने की अनुमति दिए जाने की मांग वाली विभिन्न याचिकाओं को शनिवार को खारिज कर दिया।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: August 29, 2020 22:33 IST
Allahabad Muharram, Allahabad Tazia, Allahabad Tazia procession, Allahabad High Court Tazia- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुहर्रम के दौरान ताजिया का जुलूस निकालने और ताजिया दफनाने की अनुमति दिए जाने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुहर्रम के दौरान ताजिया का जुलूस निकालने और ताजिया दफनाने की अनुमति दिए जाने की मांग वाली विभिन्न याचिकाओं को शनिवार को खारिज कर दिया। जस्टिस एसके गुप्ता और जस्टिस शमीम अहमद की बेंच ने रोशन खान और कई अन्य द्वारा दायर इन याचिकाओं पर शुक्रवार को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि मुहर्रम के दौरान जुलूस निकालने पर किसी तरह की रोक, धर्म का पालन करने के उनके मौलिक अधिकार का हनन है।

‘सिर्फ मुहर्रम का जुलूस निकालने की इजाजत नहीं दी गई’

याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा, ‘साथ ही इसी अवधि में राज्य सरकार द्वारा कई अन्य धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी गई, लेकिन केवल मुहर्रम के जुलूस की अनुमति नहीं दी गई जोकि राज्य सरकार की तरफ से भेदभावपूर्ण कार्रवाई है।’ याचिकाकर्ताओं ने ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा निकालने की अनुमति दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सरकारी वकील रामानंद पांडेय ने अपनी दलील में कहा कि धर्म के पालन की स्वतंत्रता परम अधिकार नहीं है और यह सार्वजनिक आदेश, नैतिकता और स्वास्थ्य से बंधा है।

‘गणेश चतुर्थी और जन्माष्टमी पर नहीं निकली झांकी’
सरकारी वकील ने कहा, चूंकि कोविड-19 एक महामारी है, राज्य सरकार जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा सकती है। पांडेय ने कहा कि राज्य की कार्रवाई भेदभावपूर्ण नहीं है, बल्कि अगस्त महीने में गणेश चतुर्थी और कृष्ण जन्माष्टमी त्यौहारों के दौरान भी झांकी निकालने की अनुमति नहीं दी गई। लोगों को अपने घरों में धार्मिक कार्य करने की अनुमति है, ना कि सार्वजनिक जगहों पर। याचिकाकर्ताओं के इस आरोप पर कि राज्य सरकार का निर्णय भेदभावपूर्ण है, अदालत ने कहा, ‘इस दलील का कोई आधार नहीं है और सभी धार्मिक समुदायों के लिए एक ही मापदंड अपनाया गया है और उन्हें किसी तरह के जुलूस या झांकियां निकालने से रोका गया है।’

‘हमने कुछ व्यवस्था निकालने पर गंभीरता से सोचा पर...’
जगन्नाथ रथ यात्रा की अनुमति पर अदालत ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कोई सामान्य निर्देश पारित नहीं किया है, बल्कि वार्षिक रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी है जोकि एक विशेष स्थान पुरी से संबंधित है और वह भी केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक सीमित है।’ ताजिया का जुलूस निकालने और ताजिया दफनाने की अनुमति देने को लेकर कुछ निर्देश पारित करने के बारे में अदालत ने कहा, ‘हमने कुछ प्रतिबंधों के साथ ताजिया का जुलूस निकालने और उसे दफनाने की अनुमति देने के लिए कुछ व्यवस्था निकालने पर गंभीरता से सोचा। हालांकि याचिकाकर्ताओं के वकील भी ऐसी किसी व्यवहारिक व्यवस्था का सुझाव नहीं दे सके।’

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement