Highlights
- सरकारी काम में लापरवाही के आरोप में यूपी के डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाया गया।
- अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार को अतिरिक्त कार्यभार संभालने को कहा गया है।
- एक आधिकारिक बयान के मुताबिक गोयल को पुलिस महानिदेशक (डीजी) नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है।
UP DGP Removed: उत्तर प्रदेश के DGP मुकुल गोयल को बुधवार को सरकारी काम में लापरवाही के आरोप में पद से हटा दिया गया। अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नये पुलिस महानिदेशक चुने जाने तक अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार को इस पद का कार्यभार संभालने को कहा गया है। यह पूछे जाने पर कि नये डीजीपी की नियुक्ति कब होगी, सहगल ने कोई जवाब नहीं दिया। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक गोयल को पुलिस महानिदेशक (डीजी) नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है।
‘अकर्मण्यता के चलते DGP पद से हटाया गया’
सरकार द्वारा जारी बयान में गया है, ‘पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को शासकीय कार्यो की अवहेलना करने, विभागीय कार्यो में रूचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते DGP के पद से हटा दिया गया है।’ वर्ष 1987 बैच के IPS अधिकारी गोयल को पिछले साल जून में प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था। उत्तर प्रदेश का डीजीपी बनने से पहले वह सीमा सुरक्षा बल में अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात थे। मुजफ्फरनगर में जन्मे गोयल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की डिग्री हासिल कर चुके हैं।
पहले भी विवादों में रहे हैं IPS मुकुल गोयल
गोयल इससे पहले भी कई विवादों में घिरे रहे हैं। 2006 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में हुए पुलिस भर्ती घोटाले में उनका नाम आया था। इस मामले में अभी याचिका हाईकोर्ट में लंबित है। 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे के बाद अखिलेश यादव की सरकार ने गोयल को एडीजी कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन बीच में ही उन्हें इस पद से हटा दिया गया था। माना जा रहा है कि हाल के दिनों में ललितपुर के एक थाना परिसर में दुष्कर्म पीड़िता के साथ थानेदार द्वारा दुष्कर्म, चंदौली में पुलिस की दबिश में कथित पिटाई से युवती की मौत समेत कई मामलों की गाज डीजीपी पर गिरी है। (भाषा से इनपुट्स के साथ)