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जम्मू कश्मीर में एक पुलिसकर्मी समेत तीन सरकारी कर्मचारी निलंबित, आतंकियों से संबंध का है आरोप

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन सरकारी कर्मचारियों और एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल सभी पर आतंकियों से संबंधित होने का आरोप लगा है।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Feb 15, 2025 04:31 pm IST, Updated : Feb 15, 2025 04:31 pm IST
Three government employees including a policeman suspended in Jammu and Kashmir accused of having li- India TV Hindi
Image Source : PTI जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जेल में बंद एक पुलिसकर्मी सहित तीन सरकारी कर्मचारियों को आतंकवादियों से उनके कथित संबंधों को लेकर शनिवार को बर्खास्त कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि बर्खास्त कर्मचारियों की पहचान पुलिस कांस्टेबल फिरदौस अहमद भट, स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक मोहम्मद अशरफ भट और वन विभाग के अर्दली निसार अहमद खान के रूप में हुई है, जिन्हें वर्ष 2000 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक मंत्री की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल ने कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों द्वारा जांच के बाद तीनों कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (सी) का इस्तेमाल किया। 

आतंकी सगंठन के लिए काम कर रहा था पुलिसकर्मी

केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों से संबंध रखने के कारण पिछले कुछ वर्षों में 70 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को उपराज्यपाल द्वारा नौकरी से निकाला गया है। अधिकारियों ने बताया कि बर्खास्त पुलिसकर्मी को पिछले साल मई में गिरफ्तार किया गया था। उसे 2005 में विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त किया गया और 2011 में कांस्टेबल के रूप में पदोन्नत किया गया था। वर्तमान में कोट भलवाल जेल में बंद फिरदौस भट जम्मू-कश्मीर पुलिस में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी इकाई में एक संवेदनशील पद पर तैनात था, लेकिन उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए काम करना शुरू कर दिया। 

आतंकवादियों को हथियार पहुंचाने का कर रहा था काम

हालांकि, भट की गतिविधियों का पर्दाफाश तब हुआ जब दो आतंकवादियों (वसीम शाह और अदनान बेग) को अनंतनाग में एक पिस्तौल और एक हथगोले के साथ गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वे प्रवासियों और पर्यटकों पर हमला करने की योजना बना रहे थे। पुलिस कांस्टेबल के पद पर होने का लाभ उठाते हुए वह आतंकवादियों के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक पहुंचा रहा था और जांच से यह भी पता चला कि वह एलईटी के आतंकी साजिद जट्ट उर्फ सैफुल्ला के अलावा हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर खुर्शीद डार और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी हमजा भाई एवं अबू जरार के लिए भी काम कर रहा था। 

क्या बोले अधिकारी

अधिकारियों ने कहा कि रियासी निवासी अशरफ भट, जिसे 2008 में ‘रहबर-ए-तालीम’ शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में जून 2013 में नियमित किया गया था, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ था। अधिकारियों ने कहा, ‘‘कई वर्षों तक उसकी गतिविधियों का पता नहीं चला, लेकिन अंततः 2022 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वर्तमान में वह रियासी में जिला कारागार में बंद है।’’ जांच के दौरान पता चला कि अशरफ का आका लश्कर का वांछित आतंकवादी मोहम्मद कासिम है, जो पाकिस्तान में रहता है। अधिकारियों ने बताया कि खान 1996 में वन विभाग में सहायक के रूप में शामिल हुआ था और वर्तमान में वन रेंज कार्यालय, वेरीनाग (अनंतनाग) में अर्दली के रूप में तैनात था। खान पर हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करने का आरोप है। 

(इनपुट-भाषा)

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