हेल्थ डेस्क: आज के समय में हर कोई अपने काम में इता बिजी है कि परिवार के लिए क्या खुद के लिए भी समय नहीं है। जिसके कारण वह सभी से दूर हो जाता है। ज्यादा से ज्यादा अपने काम में बिजी रहना। दुनिया में क्या हो रहा है। इस बात की जरा सी भी खबर न रखना। जिसके कारण हम सभी से दूर हो जाते है और एक वक्त ऐसा आता है कि आप अकेले रह जाते है।
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अगर आपका कोई काम बिगड़ रहा होगा और आपको किसी का सपोर्ट चाहिए होगा, तो उस समय कोई भी नहीं होता है। जो कि आपको धीरे-धीरे डिप्रेशन की ओर ले जाएगा।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि डिप्रेशन के प्रभावी उपचार में वीडियो गेम खेलना काफी मददगार साबित हो सकता है। वीडियो गेम दिमाग को प्रशिक्षित करने में मदद करता है। शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि विशेष तौर पर डिजाइन किए हुए वीडियो गेम खेलने से लोगों को उनके अवसाद पर काबू पाने में मदद मिली है।
इस तरह के वीडियो गेम में आंतरिक (रासायनिक असंतुलन या आनुवांशिक कारकों) या बाह्य कारकों (नौकरी या दूसरे मुद्दों या संबंधों) की वजह से होने वाले अवसाद को खत्म करने की क्षमता होती है।
अमेरिका के डेविस में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय की सुबुही खान ने कहा, "सावधानीपूर्वक बनाए गए प्रेरक संदेश के उपयोग से संदेश मिलता है कि मानसिक स्वास्थ्य वाले वीडियो गेम का अधिक व्यावहारिक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।"
शोधकर्ताओं ने जैविक कारकों के आंतरिक परिवर्तन को अवसाद की वजह बताते हुए इसमें प्रतिभागियों को वीडियो गेम आधारित एप दिमाग को प्रशिक्षित करने के लिए दिए, जिससे अपने अवसाद को नियंत्रित करने के लिए वे कुछ करें।
शोधकर्ताओं ने कहा कि यह दूसरे शोधों का समर्थन करता है, जो दिखाते हैं कि मस्तिष्क प्रशिक्षण वाले खेलों में संज्ञानात्मक परिवर्तन की क्षमता होती है।
दूसरी तरफ अवसाद को बाह्य कारकों की स्थिति मानते हुए प्रतिभागियों को ज्यादा समय खेल को देने के लिए प्रेरित किया गया, जिससे फिर उन्हें अपनी स्थिति पर नियंत्रण रखने में मदद मिली।
शोध में पाया गया कि वीडियो गेम खेलने से तात्कालिक प्रभाव पड़ता है लेकिन दीर्घकालिक लाभ की संभावना कम होती है। इस शोध का प्रकाशन 'कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहैवियर' में किया गया है।