Friday, May 03, 2024
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Angarki Chaturthi 2018: संकष्टी चतुर्थी के दिन करें ये टोटका, हो जाएंगे आपके सारे काम सिद्ध

संकष्टी चतुर्थी: आज मंगलवार का दिन भी है और जब कभी चतुर्थी तिथि के दिन मंगलवार पड़ता है, तो वह अंगार की चतुर्थी हो जाती है, यानी अंगारकी चतुर्थी का सीधा संबंध मंगल ग्रह से है और मंगल एक तेज ग्रह है। मंगल का संबंध ताकत से। इस दिन करें ये उपाय

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: April 02, 2018 23:55 IST
sankashti chaturthi‬- India TV Hindi
sankashti chaturthi‬

धर्म डेस्क: आज संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी है। हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जाता है। हालांकि वैसे तो आज तृतीया तिथि है, लेकिन तृतीया तिथि आज शाम 04:44 पर ही समाप्त हो जायेगी और उसके बाद चतुर्थी तिथि लग जायेगी, जो कि कल शाम 05:33 तक रहेगी और कल का चन्द्रोदय रात 10:26 पर होगा, यानी कल का चन्द्रोदय पंचमी तिथि में होगा। क्षितिज के कारण चन्द्रमा 15 मिनट बाद दिखाई पड़ता है।

संकष्टी चतुर्थी का व्रत उस दिन किया जाता है, जिस दिन चन्द्रमा चतुर्थी तिथि में उदय होता है और आज का चन्द्रोदय रात 09:30 पर, यानी चतुर्थी तिथि में होगा। अतः संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज ही के दिन किया जायेगा।

संकष्टी चतुर्थी के साथ ही आज मंगलवार का दिन भी है और जब कभी चतुर्थी तिथि के दिन मंगलवार पड़ता है, तो वह अंगार की चतुर्थी हो जाती है, यानी अंगारकी चतुर्थी का सीधा संबंध मंगल ग्रह से है और मंगल एक तेज ग्रह है। मंगल का संबंध ताकत से है। अच्छे दाम्पत्य संबंध स्थापित करता है और व्यक्ति में जोश उत्पन्न करता है, जबकि मंगल के निगेटिव होने पर मनुष्य की ऊर्जा स्वार्थ की पूर्ति और लूट-खसोट के लिये खर्च होती है। कमजोर मंगल दाम्पत्य संबंधों की ऊष्मा को नष्ट कर देता है, जीवन रसविहीन हो जाता है और किसी भी तरह के काम में मन नहीं लगता, जिसके चलते बिजनेस में भी नुकसान उठाना पड़ जाता है। यहां तक कि कर्ज भी लेना पड़ता है।  तो ऐसी स्थिति से बचने के लिये, मंगल को अपने फेवर में करने के लिये, दाम्पत्य संबंधों की ऊष्मा को बरकरार रखने के लिये, जीवन में बल और वीर्य की प्राप्ति के लिये और कर्ज से मुक्ति पाने के लिये आज अंगारकी चतुर्थी के दिन कौन-से उपाय किए जाने चाहिए।

  • मंगल के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए और मंगल को अपने मित्रों की श्रेणी में लाने के लिये एक केले का पत्ते लें और उस पर हल्दी से एक त्रिकोण का चिन्ह बनाकर, उस त्रिभुज का प्वॉइंट अपनी ओर करके रख लें। अब उस त्रिकोण के आगे नीम की 27 पत्तियां रखें और केले के पत्ते के आगे पत्तियों के साथ ही एक घी का दीपक भी जलाइए। दीपक जलाने के बाद 108 बार ये मंत्र पढ़िए-
  • अग्ने सख्यं वृणीमहे’
  • अगर आपके दाम्पत्य संबंधों की ऊष्मा कहीं गायब हो गई है और रिश्तों में तकरार भी बनी रहती है, तो दाम्पत्य संबंधों की ऊष्मा को बरकरार रखने के लिये आज के दिन दर्जी की दुकान से एक बचा हुआ चॉकलेटी रंग का कपड़ा मांग लें और उस कपड़े से एक त्रिकोण की आकृति काटें। अब त्रिकोण का प्वॉइंट अपनी तरफ करके रखें और चॉकलेट रंग के कपड़े के कटे हुए त्रिकोण पर केसरीया सिन्दूर में थोड़ा-सा चमेली का तेल मिलाकर 18 बिन्दियां लगाएं। फिर कपड़े को किसी एकांत स्थान पर ले जाकर रख दें। अब उसके चारों ओर अपने जीवनसाथी का नाम लेते हुए एक धारा में शहद लेकर गिरा दें और बचा हुआ शहद वहीं पर छोड़ दें। ध्यान रहे शहद कपड़े पर न गिरने पाये, केवल उसके चारों ओर ही शहद डालना है। फिर घर लौटकर आ जायें। आज के दिन ये उपाय करने से आपके दाम्पत्य संबंधों की ऊष्मा बरकरार रहेगी और रिश्तों में चल रही तकरार खत्म होगी।

अगली स्लाइड में पढ़ें और उपायों के बारें में

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