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'आधार, PAN कार्ड या वोटर आईडी से नहीं बनते भारतीय नागरिक', बॉम्बे हाइकोर्ट की बड़ी टिप्पणी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर किसी के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी है, तो इसका मतलब ये नहीं की वह भारतीय नागरिक है। ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बिहार में SIR के मद्देनजर भी इन दस्तावेजों की वैधता पर बहस हो रही है।

Reported By : Rajesh Kumar Edited By : Khushbu Rawal Published : Aug 13, 2025 10:50 am IST, Updated : Aug 13, 2025 10:50 am IST
Aadhaar card- India TV Hindi
Image Source : PTI आधार कार्ड

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि सिर्फ आधार कार्ड, PAN कार्ड या वोटर ID होने से कोई व्यक्ति भारतीय नागरिक नहीं बन जाता। यह स्पष्ट टिप्पणी जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने मंगलवार को तब की जब उन्होंने एक ऐसे शख्स को बेल देने से इनकार कर दिया, जिस पर कथित तौर पर नकली दस्तावेजों के सहारे भारत में रहकर नागरिकता दावा करने का आरोप था।

जानिए पूरा मामला

ठाणे में गिरफ्तार बाबू अब्दुल रऊफ़ सरदार पर आरोप था कि वह बिना यात्रा दस्तावेजों के अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत आया था। उसने आधार, PAN, वोटर ID के साथ-साथ पासपोर्ट जैसे सरकारी दस्तावेज नकली तरीके से बनाए थे। इसके साथ ही उसने अवैध रूप से गैस और बिजली कनेक्शन हासिल कर लिया। पुलिस ने उसके फोन से बांग्लादेश में जारी जन्म प्रमाण पत्रों की डिजिटल प्रतियां भी बरामद कीं।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने कहा कि ये दस्तावेज केवल पहचान या सेवा लेने के लिए होते हैं, लेकिन भारतीय नागरिकता की कानूनी मान्यता का आधार Citizenship Act, 1955 है- जिसमें स्पष्ट बताया गया है कि नागरिकता कब और किस आधार पर मिलती है। जस्टिस बोर्कर ने कहा कि जब दस्तावेजों की सत्यता जांच के अधीन हो- जैसे कि UIDAI द्वारा आधार की पुष्टि, तब तक बेल देना उचित नहीं होगा। 

कोर्ट ने पुलिस की यह आशंका भी मान ली कि आरोपी बेल मिलने पर अवैध रूप से भाग सकते हैं, सबूत मिटा सकते हैं या नया पहचान बना सकते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम रुख अपनाया है कि आधार, PAN या वोटर ID जैसे दस्तावेज नागरिकता साबित करने के पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं। नागरिकता प्रामाणिक रूप से मिलने के लिए कानून में निर्धारित तरीके अपनाने जरूरी हैं।

कौन हो सकता है भारतीय नागरिक?

जस्टिस बोरकर ने कहा, ''मेरी राय में नागरिकता अधिनियम, 1955 आज भारत में राष्ट्रीयता के बारे में फैसले लेने के लिए मुख्य और नियंत्रक कानून है। यह वह कानून है जो निर्धारित करता है कि कौन नागरिक हो सकता है, नागरिकता कैसे प्राप्त की जा सकती है और किन स्थितियों में इसे खोया जा सकता है। केवल आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर कार्ट जैसे दस्तावेज होने से कोई भारतीय नागरिक नहीं बन जाता। ये दस्तावेज पहचान या सेवाओं का लाभ उठाने के लिए हैं।'

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