Friday, April 26, 2024
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महाराष्ट्र: अपने लिए खुद ऑक्सीजन बना रहा है नंदुरबार जिला, तीन संयंत्र कर रहे हैं काम

नंदुरबार के जिला कलेक्टर डॉ राजेंद्र भरुद ने ऑक्सीजन को हवा से अवशोषित करने और इसे खरीदने के बिना रोगियों को देने तथा तीन ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाली परियोजनाओं को स्थापित करने का फैसला किया है।

Jayprakash Singh Reported by: Jayprakash Singh @jayprakashindia
Published on: April 28, 2021 19:51 IST
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महाराष्ट्र: अपने लिए खुद ऑक्सीजन बना रहा है नंदुरबार जिला, तीन संयंत्र कर रहे हैं काम

नंदुरबार (महाराष्ट्र): नंदुरबार के जिला कलेक्टर डॉ राजेंद्र भरुद ने ऑक्सीजन को हवा से अवशोषित करने और इसे खरीदने के बिना रोगियों को देने तथा तीन ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाली परियोजनाओं को स्थापित करने का फैसला किया है। वर्तमान में ऑक्सीजन की कमी के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में मरीज मर रहे हैं। 

ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकारी और निजी अस्पताल बाहरी ऑक्सीजन संयंत्रों पर निर्भर थे।  लेकिन, पिछले साल ही सुदूर और पिछड़े नंदुरबार जिले ने ऑक्सीजन प्लांट लगाकर आत्मनिर्भर बनने का आदर्श जिलाधिकारी राजेंद्र भारुड ने  स्थापित किया है।

पिछले साल जब कोरोना लहर फैलती देखी गई थी, तो आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला कलेक्टर डॉ राजेंद्र भारुड ने ऑक्सीजन संयंत्र को प्राथमिकता दी थी। इसलिए, मुंबई के बाद पहला संयंत्र सितंबर 2020 के बीच नंदुरबार जिला सरकारी अस्पताल में स्थापित किया गया था। 

इसी तरह नंदुरबार जिला लगातार बढ़ती मौतों और रोगियों की वजह से पिछले दो से तीन माह से हॉट स्पॉट बना हुआ है। नंदुरबार ज़िले में रोजाना कम से कम साढ़े सात हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी। इसमें से 3,000 मीट्रिक टन की व्यवस्था है। 

लेकिन, बाकी को अपनी ऑक्सीजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए सूरत, धुलिया और अन्य शहरों पर निर्भर थे।  हालांकि, प्रशासन आत्मनिर्भर बनकर इस समस्या का स्थाई हल निकालने में सफल रहा है। 

आज नंदुरबार जिला सरकारी अस्पताल ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है और एक या दो नहीं बल्कि तीन ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं।

जिलाधिकारी राजेंद्र भारुड ने ऑक्सीजन प्लांट की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में नंदुरबार जिला सरकारी अस्पताल में 1800 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले 3 बड़े संयंत्र काम कर रहे हैं। उनके पास प्रति दिन 375 जंबो सिलेंडर भरने की क्षमता है। 

उन्होंने बताया कि नंदुरबार के दो बड़े निजी अस्पतालों स्मिथ और निम्स ने अपने स्वयं के दो बड़े संयंत्रों का संचालन करके ऑक्सीजन बेड की समस्या को हल किया है। इसके अलावा तलोदा और नवापुर में भी ऑक्सीजन उत्पादन की योजना है।

इन दोनों स्थानों पर संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। डॉ भारुड ने यह भी कहा कि 20,000 क्यूबिक तरल ऑक्सीजन की क्षमता वाले एक बड़े टैंक की मांग को लेकर लिंडेल कंपनी से बात की है।

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