Friday, April 26, 2024
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सरकार का बड़ा फैसला, 9वीं से 12वीं के छात्रों की फीस में 40% की कटौती, अभिभावकों को मिली बड़ी राहत

शिक्षा विभाग ने बुधवार को यह आदेश जारी किया। विभाग ने 2 नवंबर से स्कूलों को फिर से खोलने पर सुझाव देने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को एसओपी दिशानिर्देशों के साथ एक रिपोर्ट भी सौंपी है। हालांकि कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए कोई समान निर्णय नहीं लिया गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 29, 2020 16:51 IST
Rajasthan Government orders reduction in school tuition fee by 30-40 percent- India TV Hindi
Image Source : FILE Rajasthan Government orders reduction in school tuition fee by 30-40 percent

जयपुर: अभिभावकों को बड़ी राहत देते हुए राजस्थान सरकार की गठित कमेटी ने नौंवी से लेकर 12वीं तक के छात्रों की फीस में 40 फीसदी की कटौती की है। कोरोना महामारी के बीच राजस्थान सरकार ने सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों को कक्षा 9 से 12 के लिए ट्यूशन फीस में 30 प्रतिशत और राज्य बोर्ड से जुड़े स्कूलों को समान कक्षा के लिए 40 प्रतिशत तक फीस कटौती करने का निर्देश दिया है। निर्देश में कहा गया है कि चूंकि सीबीएसई ने स्कूल के कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में 30 फीसदी कटौती कर दिया है, इसलिए उनके स्कूल की ट्यूशन फीस में 30 फीसदी की कमी की जानी चाहिए। वहीं राजस्थान बोर्ड ने पाठ्यक्रम में 40 प्रतिशत की कमी की है, इसलिए उन्हें शुल्क में 40 प्रतिशत की कमी करनी चाहिए।

शिक्षा विभाग ने बुधवार को यह आदेश जारी किया। विभाग ने 2 नवंबर से स्कूलों को फिर से खोलने पर सुझाव देने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को एसओपी दिशानिर्देशों के साथ एक रिपोर्ट भी सौंपी है। हालांकि कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए कोई समान निर्णय नहीं लिया गया है, वहीं उन्हें अभी तक स्कूल आने के लिए नहीं कहा गया है। इसलिए, अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उनकी स्कूल फीस पर फैसला स्कूलों के खुलने के बाद लिया जाएगा।

पिछले आठ महीनों से स्कूल बंद होने के कारण फीस के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक समिति का गठन किया गया था। गौरतलब है कि विद्यार्थियों के माता-पिता 'नो स्कूल, नो फी' की मांग करते हुए अभियान चला रहे हैं।

इसी बीच हाईकोर्ट के स्कूल ट्यूशन फीस में 30 फीसदी कटौती के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने वाले प्रोग्रेसिव एसोसिएशन स्कूल ऑफ राजस्थान ने कहा, "यह फैसला सही नहीं है। यह भेदभावपूर्ण है। अगर इसे लागू किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। अगर फीस में 30 और 40 प्रतिशत की कटौती की जाती है तो हम स्कूल शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन कैसे दे पाएंगे?"

अभिभावकों को मासिक या त्रैमासिक फीस भरने की छूट होगी। निजी स्कूलों के सामने फीस वसूलने के लिए यह शर्त है कि वह अपने कर्मचारियों और शिक्षकों को निर्धारित वेतन देंगे और कोविड-19 किसी भी कर्मचारी की छटनी नहीं करेंगे। कमेटी ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी फीस तय कर दी है। स्कूल ऑफलाइन पढ़ाई के साथ-साथ ऑनलाइन पढ़ाई भी करते रहेंगे और ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों को 60 फीसदी तक शुल्क देना पड़ेगा।

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