Monday, April 29, 2024
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कंप्यूटर के लिए बेहद घातक है यह वायरस, सरकार ने यूजर्स को किया सावधान, बचने के लिए करें ये काम

सीईआरटी ने अकीरा को लेकर जो सलाह दी है उसमें कहा गया है कि यह मेलवेयर विंडोज और लिनक्स ऑपरेटिंग बेस्ड सिस्टम पर आक्रमण कर सकता है। सीईआरटी ने यूजर्स को इस मेलवेयर से सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है।

Gaurav Tiwari Written By: Gaurav Tiwari
Updated on: July 24, 2023 9:25 IST
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Image Source : फाइल फोटो भुगतान न करने पर हैकर्स यूजर्स का डाटा डार्क वेब पर डाल देने की धमकी देते हैं।

अगर आप कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार ने अकीरा नाम के इंटरनेट रैंसमवेयर के बारे में जानकारी दी है जो यूजर्स के डेटा को चुराता है। इस वायरस के जरिए सिस्टम को हैक करके साइबर क्रिमनल्स यूजर्स से जबरन वसूली करते हैं। अब इस वायरस को लेकर सरकार की तरफ से संचालित साइबर सुरक्षा एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम एक एडवाइजरी जारी की है। 

सीईआरटी ने अकीरा को लेकर जो सलाह दी है उसमें कहा गया है कि यह मेलवेयर विंडोज और लिनक्स ऑपरेटिंग बेस्ड सिस्टम पर आक्रमण कर सकता है। सीईआरटी ने यूजर्स को इस मेलवेयर से सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है। 

CERT-In ने दी ये सलाह

सीईआरटी-इन ने कंप्यूटर और इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को ऑनलाइन साइबर हमलों से बचने के लिए बेसिक सुरक्षा प्रोटोकॉल फॉलो करने के लिए कहा। सीईआरटी-इन की तरफ से यूजर्स को अपने ओएस यानी ऑपरेटिंग सिस्टम को समय समय पर अपडेट करने के लिए कहा है। सीईआरटी-इन ने कहा कि हाल ही में अकीरा रैंसमवेयर का पता चला जो कि इस समय साइबरस्पेस में एक्टिव है।

सीईआरटी-इन के मुताबिक यह पहले डेटा की चोरी करता है फिर उस डेटा को इनक्रिप्टेड फॉर्मेट में बदलकर यूजर्स से उगाही करता है। यदि यूजर्स भुगतान करने से मना करता है तो उसका डेटा डार्क वेब पर अपलोड कर दिया जाता है। 

क्या है डार्क वेब

आपको बता दें कि डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया की वजह जगह है जिस पर सर्च इंजन की मदद से नहीं पहुंचा जा सकता है। आमतौर पर डार्क वेब का इस्तेमाल अवैध कामों जैसे मादक पदार्थों की खरीद फरोख्त के लिए किया जाता है। रैंसमवेयर एक तरह का वायरस है जो यूजर्स के डाटा और सिस्टम को पूरी तरह से ब्लॉक कर देता है। CERT-In की एडवाइजरी में कहा गया कि रैंसमवेयर को सिस्टम में पहुंचाने के लिए आमतौर पर हैकर्स  AnyDesk, WinRAR और PCHunter जैसे टूल्स का इस्तेमाल करते हैं। 

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