क्या आपने कभी सोचा है कि कम्प्टूर माउस भी आपकी निजी बातें सुन सकता है? हाल में आई एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि कम्प्यूटर में इस्तेमाल करने वाला माउस भी निजी बातें सुन सकता है। यह खुलासा आपको अगली बार से माउस के जरिए कुछ स्क्रॉल करने से पहले सोचने को मजबूर करेगा। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया ने इस नए तरीके को Mic-E-Mouse का नाम दिया है। इस तरीके में हैकर्स माउस को छिपे हुए माइक्रोफोन की तरह यूज कर सकते हैं।
रिसर्चर्स के दावों ने उड़ाई नींद
अपने पोस्ट में कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने बताया कि माउस में इस्तेमाल होने वाले हाई सेंसेटिव सेंसर्स का इस्तेमाल हल्के से हल्के वाइब्रेशन्स को डिटेक्ट कर सकते हैं। इन वाइब्रेशन का इस्तेमाल माइक्रोफोन में आने वाले साउंड वेब के प्रोडक्शन के लिए किया जा सकता है। ऐसे में माउस के सेंसर द्वारा कमरे में उत्पन्न होने वाले वाइब्रेशन को साउंड में कन्वर्ट करके बातों को सुना जा सकता है।
हालांकि, रिसर्चर्स ने यह भी कहा कि यह सब वॉइस की फ्रिक्वेंसी पर निर्भर करता है। माउस से कैप्चर किए जाने वाले वाइब्रेशन 61 प्रतिशत तक एक्युरेट यानी सटीक हो सकते हैं। हैकर्स माउस के इन सेंसर्स से उत्पन्न होने वाले साउंड वेब्स को कैप्चर कर सकते हैं, जो कि सिक्योरिटी स्कैन में कभी चेक नहीं किया जाता है। आम तौर पर डिवाइस के सिक्योरिटी स्कैन में माइक्रोफोन और कैमरा वाले पेरिफेरल्स की जांच की जाती है।
61 प्रतिशत सटीक रिजल्ट
ऐसे में हैकर्स के लिए माउस के जरिए साउंड कैप्चर करना आसान हो जाता है। रिसर्चर्स ने माउस के जरिए कैप्चर किए गए डेटा को एनालाइज किया और पाया कि ये 61 प्रतिशत तक सटीक होते हैं, जिन्हें AI के जरिए शब्दों में पिरोया जा सकता है। रिसर्च के मुताबिक, हैकर्स ने दावा किया है कि माउस के जरिए नंबर के आवाज को रिकॉर्ड करना काफी आसान है। हालांकि, शब्दों को रिकॉर्ड करना थोड़ा कठिन है लेकिन AI सिस्टम के जरिए यह आसान बन जाता है।
स्टडी ने दावा किया है कि इस तरह के अटैक काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। आपकी निजी बातें हैकर्स तक पहुंच सकती है। आपके बैंकिंग डिटेल्स आदि की जानकारी हैकर्स निकाल सकते हैं और आपके साथ बड़ा फ्रॉड किया जा सकता है।
कैसे बचें?
इससे बचने के लिए आपको अपने कम्प्यूटर को शट डाउन करना होगा ताकि माउस की कनेक्टिविटी खत्म हो जाए।
स्लीप मोड या हाइबरनेट मोड में माउस पेरीफेरल्स CPU से कनेक्ट रहेंगे और उनके जरिए आवाज को एक्सेस किया जा सकता है।
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