बुधवार को दिल्ली वालों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवाली के मौके पर तय समय में पटाखे जलाने के आदेश की धज्जियां उड़ा जमकर आतिशबाजी की।
दिवाली से पहले दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है। दिवाली के पहले सोमवार को दिल्ली गैस चैंबर बन गई है। दिल्ली में हवा कीहालत इतनी खराब है कि प्रदूषण का स्तर नीचे गिरकर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
कुरीन सिस्टम्स के सह संस्थापक पवनीत सिंह पुरी ने बताया कि कंपनी को हाल ही में ‘दुनिया के सबसे लंबे और साथ ही सबसे मजबूत प्यूरीफायर’ के लिए पेटेंट मिला है।
शहरीकरण बढ़ने के कारण महानगरों में पॉल्यूशन स्तर बढ़ा है और इसकी वजह से स्ट्रोक के मामले भी बढ़ रहे हैं। इस समस्या के समाधान में वैस्कुलर न्यूरोलोजी की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह कहना है जाने-माने न्यूरोलोजिस्ट डॉ. पी.एन. रंजन का।
दिल्ली के कई इलाकों में सोमवार की सुबह हवा इतनी जहरीली हो गई थी कि एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 800 के भी पार चला गया था।
दिल्लीवालों ने रविवार को चैन की सांस ली जब हवा की रफ्तार बढ़ने से और सरकार द्वारा लागू नियंत्रण उपायों के कारण वायु गुणवत्ता में काफी सुधार आया।
पिछले कई दिनों से दिल्ली वालों को तनाव दे रही हवा की गुणवत्ता में रविवार को हल्का-सा सुधार देखने को मिला है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के डेटा के मुताबिक दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 393 दर्ज किया गया जो बेहद खराब की श्रेणी में आती है और गंभीर की श्रेणी से महज सात बिंदु नीचे है।
दिल्ली में एयर क्वालिटी आज भी ख़राब, स्मॉग हटाने के लिए एंटी-स्मॉग गन का किया जा रहा प्रयोग
दिल्ली और हरियाणा सहित आसपास के इलाकों में हवा की गति में मामूली इजाफे के कारण अगले दो दिनों तक वायु प्रदूषण की मात्रा में संभावित गिरावट के बाद इस सप्ताहांत पश्चिमी विक्षोभ का असर हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट की वजह बनेगा।
दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि औसतन हर बच्चा, हर रोज साढ़े 6 सिगरेट पी रहा है। हवा इतनी खतरनाक है कि हर रोज लोगों की जिंदगी ढाई घंटे कम हो रही है।
दिवाली से पहले गैस चैम्बर में तब्दील हुई दिल्ली, कई इलाकों में पीएम 400 तक पहुंचा
पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामले में भारत ने पूरी दुनिया को पीछे छोड़ दिया है। दरअसल, इन बच्चों की मौत की वजह पीएम 2.5 है जो वायु प्रदूषण के कारण तेजी से बढ़ रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हुआ, सुप्रीम कोर्ट ने पुराने वाहनों को लेकर जारी किये निर्देश
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के लिए सोमवार को केंद्र और हरियाणा एवं पंजाब की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय पर उपचार हो जाए तो स्ट्रोक से उबरा जा सकता है और उसके बाद जीवन में बदलाव लाया जा सकता है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक 381 दर्ज किया गया जो बेहद खराब की श्रेणी में आता है।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की लगातार खराब होती गुणवत्ता को ठीक करने के लिए सरकार अब सख्त रूख अपनाते हुए वायु प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई करेगी।
शीर्ष अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें पूरे भारत में पटाखों के निर्माण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ स्तर से सुधरने के एक दिन बाद मंगलवार को ‘खराब’ श्रेणी में ही बना रहा
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