Amarnath Yatra 2022: हमें आज तक बताया गया था कि अमरनाथ गुफा की खोज 1850 में हुई थी, जबकि इस पवित्र गुफा और महादेव के हिमलिंग स्वरूप का जिक्र 5वीं शताब्दी में लिखे गए पुराणों से लेकर, 1148 में लिखी गई राजतरंगणि में भी मिलता है।
Amarnath Yatra: यात्रा के शुरू होने के बावजूद हादसे में लापता हुए 40 भक्तों की तलाश जारी है और रेस्क्यू ऑपरेशन भी लगातार चलाया जा रहा है।
Amarnath yatra: जम्मू में रुकने के बाद अमरनाथ तीर्थयात्रियों का नया जत्था जम्मू बेस कैंप से निकल गया है। पहलगाम रूट पर नुनवान आधार शिविर से अमरनाथ यात्रियों के जत्थे को पवित्र गुफा के लिए रवाना किया गया है।
Amarnath Yatra 2022 Cloudburst:अमरनाथ हादसे में इस घटना में तेलंगाना के भाजपा विधायक टी. राजा सिंह और उनका परिवार बाल-बाल बच गया है। सिंह और उनके परिवार के सदस्य शुक्रवार को इलाके में अचानक आई बाढ़ से कुछ मिनट पहले दर्शन के बाद मंदिर से निकल गए थे।
Amarnath Yatra Cloudburst: अमरनाथ यात्रा को अगले आदेश तक दोनों मार्गों (बालटाल और पहलगाम) से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।
Amarnath Yatra Cloudburst Update | 30 जून से शुरू हुई Amarnath Yatra के दौरान आज एक दुखद खबर सामने आई। दरअसल, शाम साढ़े पांच बजे वहां बदल फटने के कारण पांच श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जिनके शव बरामद किए जा चुके हैं. हालांकि अब भी कई लोगों की जान पर ख़तरा मंडरा रहा है.
हर रोज करीब 15 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पवित्र गुफा पहुंच रहे हैं। एक हफ्ते पहले ही 30 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू हुई है और एक हफ्ते में ही कई बार खराब मौसम की वजह से यात्रा को रोकना पड़ा है।
Amarnath Yatra : मौसम साफ होने के बाद एकबार फिर से यह यात्रा शुरू हो गई है। यात्रा स्थगित होने से मायूस श्रद्धालुओं में अब नया उत्साह नजर आ रहा है।
Amarnath Yatra : जैसे ही मौसम में सुधार होगा यात्रा फिर से शुरू हो जाएगी। वहीं अधिकारियों ने बताया कि अब तक करीब 65 हजार श्रद्धालु पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं।
Amarnath Yatra: इस यात्रा के दो रास्ते हैं। एक पहलगाम से और दूसरा बालटाल से। 30 जून और एक जुलाई की रात को विपरीत मौसम के कारण बालटाल मार्ग पर कालीमाता के पास नाले में पानी बढ़ जाने से पुल बह गए।
Jammu-Kashmir News: तलाशी अभियान के दौरान ही मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए।
Amarnath Yatra 2022: 30 जून से शुरू हो अमरनाथ यात्रा को लेकर चाकचौबंद पूरी तरह से मुस्तैद है। इस यात्रा के लिए यात्रियों को जरूरी डॉक्युमेंट साथ लाने होंगे।
Amarnath Yatra 2022: यह यात्रा कुल 43 दिनों तक दो मार्गों से पूरी होगी। एक मार्ग पहलगाम का पारंपरिक मार्ग है जबकि दूसरा मार्ग गांदेरबल के बालटाल का है।
कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में अमरनाथ यात्रा नहीं हो सकी थी। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ठीक पहले इस तीर्थयात्रा में कटौती कर दी गई थी। इस साल यह यात्रा 11 अगस्त को समाप्त होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने अमरनाथ यात्रा के लिए शुक्रवार को सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की।
अमरनाथ यात्रा के लिए ड्रोन से खतरा सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, इसलिए वे ड्रोन का मुकाबला करने और आतंकवादी मंसूबों को विफल करने के लिए हार्डवेयर खरीद रहे हैं।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (Shri Amarnathji Shrine Board) के सीईओ नीतीश्वर कुमार ने बताया है कि इस साल की अमरनाथ यात्रा कुल 43 दिनों तक चलेगी। इस यात्रा में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए श्रद्धालु ऑफिशियल वेबसाइट और मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस पवित्र यात्रा को लेकर जम्मू कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस साल की अमरनाथ यात्रा की तैयारियां चल रहीं हैं। इस यात्रा में कितने लोग आएंगे और उनकी सुरक्षा का इंतजाम कैसे होगा, उसकी तैयारी की जा चुकी है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को अगस्त 2019 में समाप्त किए जाने के कारण उस वर्ष अमरनाथ यात्रा बीच में ही कैंसिल कर दी गई थी, जबकि कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों- यानी 2020 और 2021 में सांकेतिक यात्रा की ही अनुमति दी गई थी।
बुधवार दोपहर अमरनाथ गुफा के पास बादल फटा। अब तक किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है। गुफा में कोई तीर्थयात्री मौजूद नहीं था।
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