1975 वर्ल्ड कप के फाइनल में विजयी गोल दागने वाले अशोक कुमार जी ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में बलबीर सिंह सीनियर के देहावसान को हॉकी जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति करार दिया है।
भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह ने ध्यानचंद के बाद भारतीय हॉकी में कोई महान खिलाड़ी कहलाने का हकदार है तो वह बलबीर सिंह सीनियर ही थे।
बलबीर सिंह के परिवार ने उनके निधन की जानकारी दी। बीते कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। वह अर्धकौमा वाली स्थिति में थे।
तुलसीदास बलराम ने 1956 ओलंपिक फाइनल की बात याद करते हुए कहा कि हॉकी कप्तान बलबीर सिंह सीनियर ने पाकिस्तान के खिलाफ ऊंगली में फ्रेक्चर के बावजूद इस मुकाबले में खेले थे।
आपको बता दें कि पिछले दो सप्ताह से कई तरह के बीमारियों से वे जूझ रहे थे। बलबीर के परिवार में बेटी सुशबीर और तीन बेटे कंवलबीर, करणबीर और गुरबीर हैं।
अपने करियर में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले भारत के महानतम खिलाड़ियों में एक बलबीर सिंह सीनियर का दो सप्ताह से भी अधिक समय तक स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों से जूझने के बाद सोमवार को निधन हो गया।
भारतीय टीम हॉकी टीम में अपना कमाने से पहले ही बलबीर सिंह सीनियर ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में स्टार बन चुके थे।
तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल के निदेशक अभिजीत सिंह ने बताया।
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