इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने चुनाव आयोग को बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारियां दे दी थीं। इसको लेकर बैंक ने कोर्ट में शपथ पत्र भी दाखिल किया था। वहीं अब आयोग ने इसका डाटा अपनी वेबसाइट पर भी साझा कर दिया है।
कंपनी को मजबूत कर्ज मांग और गैर-प्रमुख कारोबार में विस्तार के कारण चालू वित्त वर्ष के आखिर तक 5,000 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ में पहुंचने की उम्मीद है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अमेरिका में बॉन्ड पर आकर्षक प्रतिफल के बावजूद घरेलू बाजारों की मजबूती की वजह से एफपीआई आक्रामक बिकवाली नहीं कर रहे हैं।
इंडियन बॉन्ड मार्केट में विदेशी निवेशकों का आकर्षण बढ़ने की वजह जेपी मॉर्गन इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल किए जाना और व्यापक रूप से देश की अर्थव्यवस्था का मजबूत परिदृश्य है।
दरअसल ग्रीन बॉन्ड भी गवर्नमेंट की तरह होते है।बस इसमें अंतर यह होता है कि जो पैसे ग्रीन बॉन्ड में एकत्रित या निवेश किए जाते हैं उसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ हरित और अक्षय ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाओं जैसे सौर, पन बिजली और पवन ऊर्जा जैसी परियोजनाओं में ही खर्च किया जाता है।
ट्रांजिशन बॉन्ड किसी कंपनी के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने से जुड़ी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए जारी किए जाते हैं।
SEBI Share market News: बॉन्ड में निवेश करने का कोई विशेष समय नहीं होता है। आप जब चाहें इसमें निवेश कर सकते हैं। आप वर्ष में कभी भी बॉन्ड खरीदते हैं। अब इसमें सेबी ने कुछ बदलाव किया है। आइए जानते हैं।
Bond Market in World: सरकार को जब पैसों की जरूरत होती है तब वह एक निश्चित ब्याज दर पर बॉन्ड जारी करती है। यह सेम नियम प्राइवेट कंपनियों पर भी लागू होता है। आज के आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि लोन मार्केट में बॉन्ड ने अपनी जेम्सगिरी कैसे कायम की? इसकी शुरुआत कब हुई? आइए पन्ने पलटते हैं।
Fixed Deposit की ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने के बाद से सुरक्षित और अच्छे रिटर्न की तलाश करने वाले निवेशकों के पास बैंक FD में निवेश करना एक बेहतर विकल्प बन गया है। हालांकि, बॉन्ड (Bond) में निवेश भी बेहतर रिटर्न के ऑप्शन के रूप में अपनी जरूरतों के आधार पर पूरा खरा उतरता है।
एसबीआई ने कहा कि इस बॉन्ड को निवेशकों से भारी प्रतिक्रिया मिली, जिसमें 1,000 करोड़ रुपये के बेस इश्यू साइज के मुकाबले 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां प्राप्त हुईं
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एकबार फिर चेतावनी जारी की है। भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे महामारी के झटके से बाहर निकल रही है।
जिस तरह लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड को रेटिंग मिली है, उसको देखते हुए गाजियाबाद, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर और आगरा नगर निगमों के भी बॉन्ड जारी किए जाएंगे।
एसबीआई के डिप्टी एमडी (फाइनेंस) स्वामीनाथन जे ने कहा कि इन बांड्स को मिली भारी प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि स्टेट बैंक की प्रतिभूतियां गोल्ड स्टैंडर्ड वाली होती हैं
बैंक ने कहा कि इन बांड का अंकित मूल्य 10 लाख रुपए प्रति बांड होगा और परिपक्वता अवधि 15 साल की होगी। इनके ऊपर सालाना 6.80 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा।
एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने मई में कहा था कि वह जुलाई में 14,000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए दो नई श्रृंखलाओं के साथ भारत बांड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की दूसरी किस्त लाएगी।
कंपनी संयुक्त देनदारी समूह (जेएलजी) ऋण, संपत्ति गिरवी रखकर ऋण और व्यक्तिगत ऋण देती है। कंपनी की मौजूदगी 18 राज्यों में है।
रिजर्व बैंक 15-15 हजार करोड़ रुपये की दो किस्तों में खरीदेगा बॉन्ड
कंपनी ने कहा है कि यह राशि समय-समय पर एक या अधिक किस्तों में जुटाई जाएगी।
इस प्रस्तावित योजना के तहत, बेहिसाबी संपत्ति धारकों को न्यूनतम टैक्स का भुगतान करने के जरिये अपनी संपत्ति का खुलासा करने का अवसर दिया जाएगा।
गुप्ता ने कहा कि हमने चालू वित्त वर्ष में 25,000 करोड़ रुपए के पूंजी व्यय की योजना बनाई है। इसमें से करीब 8,000 करोड़ अगस्त के अंत तक खर्च किया जा चुका है
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