बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि राजस्थान के इस हत्याकाण्ड के सम्बंध में 3 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है।
राजस्थान के जालौर में दलित युवक की पिटाई हुई है। पीड़ित का आरोप है कि वो मंदिर गया था तभी कुछ दबंगों ने उसकी बेरहमी से पिटाई की और गाली-गलौज की।
गौरव भाटिया ने सवाल उठाया कि क्या अब कांग्रेस के शीर्ष नेता अपने मुख्यमंत्रियों के साथ राजस्थान जाएंगे।
कौर ने एक बयान में कहा कि इसके अलावा, भारत के केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पहले ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को इस बारे में निर्देश दिया है।
मायावती ने चरणजीत सिंह चन्नी को बधाई देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी इनको पहले ही 5 सालों के लिए सीएम बना देती तो अच्छा होता। इन्हें कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री बनना तो ये लगता है कि ये महज चुनावी हथकंडा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के चयन में सिर्फ जाति नहीं, बल्कि संगठन एवं नेतृत्व की क्षमता तथा वोटबैंक के मुख्य आधार को महत्व दिया जाना चाहिए।
सतीश चंद्र मिश्रा ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण व अनुसूचित जाति का गठजोड़ बीजेपी को सत्ता से बाहर करेगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बुधवार को कहा कि जब पैसे कमाने की बात आती है तो दलितों को ‘मारवाड़ियों’ की तरह सोचना चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने नांगलगांव से वापस आकर एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तथा मामले की मेजिस्ट्रेट जांच कराने की बात कही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव अगले साल की शुरुआत में हो सकते हैं, लेकिन राजनीतिक परिदृश्य को फिर से तैयार करने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। और जाति अंकगणित से प्रभावित राज्य में, यह छोटे खिलाड़ी हैं, राजनीति के अतिरिक्त, जो मुख्यधारा की पार्टियों के लिए “बनाने या तोड़ने” का कारक हो सकते हैं।
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश का दलित वोट अब बहुजन समाज पार्टी के साथ नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी के साथ है।
रविवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मुख्यमंत्री दलित सशक्तिकरण कार्यक्रम के लिए सर्वदलीय बैठक की और उस बैठक में सभी राजनीतिक दलों से सांसदों, विधायकों भाग लिया, मुख्यमंत्री ने इसी बैठक में मुख्यमंत्री दलित सशक्तिकरण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश में एक नवनिर्वाचित दलित महिला ग्राम प्रधान ने आरोप लगाया है कि उनकी जिले के अधिकारी के साथ पहली बैठक के दौरान कुछ स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उसे जबरन कुर्सी से बेदखल किया गया और फर्श पर बैठाया गया।
पुलिस अधिकारी के अनुसार जब लड़की के परिवार वालों को इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने 22 मई को युवक और उसके चचेरे भाई को फोन कर अपने घर बुलाया और दोनों युवकों की कथित तौर पर जमकर पिटाई की।
नीला रंग शांति का प्रतीक माना जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह उथल-पुथल का प्रतीक बन गया है। ये रंग दलितों का पर्याय है। उनका सशक्तिकरण और उनकी आक्रामकता को देखते हुए देश में लगभग हर राजनीतिक दल दलित केक का एक टुकड़ा पाने के लिए बेताब है।
राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई सियासी उठापटक का असर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भविष्य की राजनीति पर भी पड़ने की संभावना है।
बसपा सुप्रीमो के ऐलान के बाद पार्टी के लिए मुस्लिम वोटों को सहेजना एक बड़ी चुनौती होगी। भाजपा से गठजोड़ का आरोप लगाते हुए बसपा के कई विधायक बगावत कर चुके हैं। मौजूदा विधानसभा में बसपा के 18 विधायकों में 5 मुसलमान हैं।
तमिलनाडु के कडलूर जिले में एक दलित महिला पंचायत प्रधान को बैठकों में उपप्रधान ने कथित तौर पर कुर्सी पर नहीं बैठने दिया, ना ही राष्ट्रध्वज फहराने दिया।
जब इंडिया टीवी रिपोर्टर पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए गांव में घुसने की कोशिश कर रहा था। कई स्थानीय लोगों ने पत्रकार को रोकने की कोशिश की और उसके साथ मारपीट भी की।
हर खबर की पीछे की सच्चाई जानने के लिए देखिये हक़ीकत क्या है | 1 अक्टूबर, 2020 | 8 PM
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