दिल्ली में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही वहीं सोमवार को इसके ‘खराब’ की श्रेणी में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। दिल्ली में सुबह साढ़े नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 168 रहा जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।
सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘‘पीएम 2.5, पीएम 10 और नाइट्रोजन ऑक्साइड में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है। पीएम 2.5 में 46 प्रतिशत और पीएम 10 के सकेंद्रण या जमा होने में 50 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
देश में कोरोना वायरस को हराने के लिए जारी 21 दिनों के सम्पूर्ण लॉकडाउन के कारण दिल्ली-एनसीआर की आबो-हवा आश्चर्यजनक तौर पर सुधर गई है। साथ ही साथ बीते कुछ दिनों से हो रही बेमौसम बरसात ने भी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सुधारने में मदद की है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही। केंद्रीय एजेंसी, सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग (सफर) के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजकर 46 मिनट पर 428 रहा।
दिल्ली में बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि इस मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री सेल्सियस कम है। सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 92 फीसदी दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन हल्की बारिश के कारण बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
आज दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर बढ़ गया है। हवा की गति कम होने और आर्द्रता का स्तर अधिक होने के कारण दिल्ली और एनसीआर के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
दिल्ली में प्रदूषण की डराने वाली तस्वीर पर कल लोकसभा में जबरदस्त चर्चा हुई। लोकसभा में हुई चर्चा इस बात के संकेत हैं कि ये समस्या बड़ी है और इस पर नियंत्रण पाना भी बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और हवा की मंद गति के कारण प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस बना रहता है। सफर ने कहा कि 14 नवंबर को पराली जलाने की केवल दो घटनाओं का पता चला।
दिल्ली-एनसीआर को स्मॉग की चादर ने ढक रखा है। नवंबर महीने में दिल्ली में हवा की क्वालिटी साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुकी है। स्कूल कॉलेज आज भी बंद हैं। हालात बेकाबू होता देख दिल्ली हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को सीधे शब्दों में बताएं तो यहां रहने वाला हर शख्स हर दिन औसतन 25 सिगरेट का धुंआ सांसों के जरिए ले रहा है। नवंबर का लगभग आधा महीना बीतने वाला है लेकिन एक दिन को छोड़कर दिल्ली के लोगों को अब तक किसी भी दिन साफ-सुथरी हवा सांस लेने को नहीं मिली है।
दिल्ली एनसीआर की हवा में सांस लेना एक बार फिर दुभर हो गया है। राजधानी और आसपास के शहरों में बीते दो दिनों से हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है।
श्रीनगर से लेकर मनाली तक भारी बर्फबारी हो रही है। भारी बर्फबारी की वजह से रास्ते ब्लॉक हैं, जिंदगी की रफ्तार थम गई है। वहीं देश के पश्चिम तट पर बुलबुल तूफान ने भयंकर तबाही मचाई है।
नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीर में पराली जलाने की संख्या में कमी दिखायी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि शुक्रवार शाम के बाद से फिर हवा की गति बढ़ेगी जिससे प्रदूषक तत्वों का छितराव होगा।
दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में बुधवार की सुबह सुधार हुआ और यह 'अति गंभीर प्लस' से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। इससे हफ्ते भर के बाद लोगों को राहत मिली।
दिल्ली एनसीआर में आज पिछले दो दिन के मुकाबले थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन लगातार तीसरे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंचा हुआ है। इसका मतलब ये हुआ कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक को भी पार कर गया है।
दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि सरकार ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है।
देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले कुछ दिनों से ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो चुके हैं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिवाली के बाद से ही दिन-ब-दिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो चुका है। दिल्ली में आज भी प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर है।
शहर के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी कोई अच्छी नहीं रही। आंनद विहार 436 एक्यूआई के साथ राजधानी का सबसे प्रदूषित जगह थी और नेहरू नगर 430 के साथ शहर में दूसरे स्थान पर था।
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