DigiLocker में अब एक और जरूरी फीचर जुड़ गया है। डिजिलॉकर के जरिए अब पासपोर्ट को वेरिफाई किया जा सकेगा। इस फीचर के जुड़ने से घर बैठे आप पासपोर्ट के डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई कर सकेंगे।
सरकार ने नकली डिजिलॉकर ऐप को लेकर नई चेतावनी जारी की है। यूजर्स से गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से डिजिलॉकर ऐप को डाउनलोड करने से पहले सावधानी बरतने के लिए कहा है।
देशभर में हो रहे डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अन्य स्कैम से अलग CBI सबसे पहले डिजिटल अरेस्ट स्कैम के मामलों की जांच करेगी।
सेबी ने इस महीने की शुरुआत में निवेशकों को डिजिटल और ई-गोल्ड उत्पादों में निवेश से सावधान रहने की सलाह दी थी। इसमें कहा था कि ये उत्पाद सेबी के नियामकीय ढांचे से बाहर हैं, और इनमें निवेश करने से काफी जोखिम बढ़ जाते हैं।
पीड़ित महिला ने 187 लेनदेने के माध्यम से 32 करोड़ रुपये डिजिटल अरेस्ट करने वाले आरोपियों के खाते में ट्रांसफर कर दी। अंत में महिला की मानसिक संतुलन बिगड़ गया और वह बीमार हो गई।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, “जो नतीजे आए हैं, वे उत्तर कोरिया, चीन और रूस के चुनावों जैसे हैं, जहां सभी वोट एक ही पार्टी को जाते हैं।”
अगर किसी व्यक्ति का मोबाइल नंबर लीक होकर स्पैम या अनधिकृत कॉल आती है, तो वह शिकायत करके जांच की मांग कर सकता है। नए नियम यह पता लगाने में मदद करेंगे कि किसी का डेटा किस संस्था ने बिना अनुमति लीक किया और दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
भारत के 21 राज्यों में करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह को नागपुर पुलिस ने धर दबोचा है। इस मामले में 23 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। आरोपियों के तार चीन और कंबोडिया से जुड़े हुए थे।
महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने ₹58 करोड़ के डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ठगी में मनी ट्रेल तीन देशों तक पहुंची है। महाराष्ट्र साइबर पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पैसा हांगकांग, चीन और इंडोनेशिया के खातों में ट्रांसफर हुआ था।
अब भारत सरकार की तरफ से स्कैम के डर को कम करने के लिए टेलीकॉम विभाग ने बड़ा कदम उठाया है और आम लोगों को फ्रॉड से बचाने के लिए एक सुविधा दी है।
सेबी ने कहा कि ऐसे डिजिटल गोल्ड प्रोडक्ट सेबी-रेगुलेटेड गोल्ड प्रोडक्ट्स से अलग हैं, क्योंकि इन्हें न तो सिक्यॉरिटी के रूप में नोटिफाई किया गया है और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव के रूप में रेगुलेट किया गया है।
NPCI ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है और बताया है कि इस तरह के कॉल या मैसेज आने पर क्या करना चाहिए? अगर, आपके पास भी इस तरह के कॉल्स आते हैं तो आप NPCI की इस एडवाइजरी को जरूर फॉलो करें।
फेस्टिव सीजन की रौनक ने न केवल बाजारों को रोशन किया है बल्कि डिजिटल पेमेंट्स के आंकड़ों में भी बंपर उछाल ला दिया है। NPCI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर महीने में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए औसतन हर दिन 94,000 करोड़ रुपये के लेनदेन हुए।
दिवाली के मौके पर कहीं आपके साथ भी बड़ा फ्रॉड न हो जाए। साइबर अपराधी के नए तरीके वाले डिजिटल अरेस्ट से बचें। हाल में एक बुजुर्ग को डिजिटली बंधक बनाकर अपराधियों ने 64 लाख रुपये की ठगी कर ली है।
फिक्की-डेलॉयट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 73 प्रतिशत लोग अब किसी भी चीज की जानकारी सबसे पहले ऑनलाइन ही लेते हैं, यहां तक की आभूषण के लिए भी।
हरचरण सिंह भुल्लर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। मौके से ही उन्हें गिरप्तार कर लिया गया था और अब उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है।
रोपड़ रेंज के DIG हरचरण सिंह भुल्लर को एक बिचौलिए के साथ 8 लाख रुपये रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि अधिकारी शिकायतकर्ता से मासिक आधार पर भी अवैध भुगतान की मांग कर रहा था। भुल्लर और बिचौलिए किरशनु के बीच रिकॉर्ड की गई व्हाट्सएप कॉल ने उनके अपराध का पर्दाफाश कर दिया।
रोपड़ रेंज के DIG हरचरण सिंह भुल्लर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने कई ठिकानों पर छापेमारी की, जहां से आकूत संपत्ति बरामद हुई है।
आरोपियों ने खुद को ईडी और सीबीआई का अधिकारी बताया था। इसके बाद बिजनेसमैन और उसकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 58 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगी की वारदात व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए हुई।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विद्यालयों में शुल्क भुगतान के लिए यूपीआई अपनाने के लिए कहा है।
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