अब सवाल यह उठता है कि अगर पंजाब की अकाली सरकार द्वारा बनाया गया कृषि कानून वाकई में किसानों के खिलाफ हैं, तो कांग्रेस की सरकार ने उन्हें रद्द क्यों नहीं किया?
किसान राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न बॉर्डर पर पिछले नौ महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं।
वहीं करनाल में जिला सचिवालय का घेराव करते हुए किसानों ने पक्का मोर्चा जमा लिया है। वहीं खाना, पानी और कपड़े मंगवाए हैं। लंबे संघर्ष की तैयारी है। राकेश टिकैत का कहना है कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
दरअसल हरयाणा के 5 जिलों, करनाल, जींद, पानीपत, कैथल और कुरुक्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर पहले रोक लगी हुई थी, हालांकि 4 जिलों में सामान्य रूप से नेट चालू हो चुका है लेकिन करनाल में अभी भी इंटरनेट सेवाओ पर रोक बरकरार है।
करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा के निलंबन की अवधि बुधवार आधी रात तक बढ़ा दी। इससे पहले यह सेवाएं करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में मंगलवार आधी रात तक के लिए निलंबित की गई थीं।
करनाल जिला सचिवालय का घेराव करते हुए किसानों ने पक्का मोर्चा जमा लिया है। वहीं खाना, पानी और कपड़े मंगवाए हैं। लंबे संघर्ष की तैयारी है। राकेश टिकैत का कहना है कि न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।
वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किे गए हैं। पर्याप्त फोर्स को तैनात किया गया है।
आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर अपने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी के लिए सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के लिए जसवंतनगर सीट छोड़ी हुई है। उनके नेताओं का भी ध्यान रखेंगे।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विभिन्न किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे एसकेएम ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सात सितंबर को करनाल में लघु सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी है।
इस साल 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हरियाणा के गांव कंडेला का 28 वर्षीय युवक लापता हो गया था लेकिन वह करीब साढ़े सात महीने बाद अपने घर पहुंच गया है।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बीजेपी की जनविरोधी और किसान विरोधी कार्यशैली से उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में जनता का हाल बेहाल हो रहा है।
हरियाणा सरकार के लिए अल्टीमेटम जारी करते हुए चढ़ूनी ने प्रत्येक घायल किसान के लिए दो लाख रुपये मुआवजे की मांग की। पंजाब सरकार के अलावा खट्टर ने कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वामपंथी नेताओं पर भी किसान आंदोलन के लिए आरोप लगाए।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि किसी भी कार्य में बाधा स्वीकार नहीं की जाएगी। हर स्वतंत्रता की सीमाएं होती हैं। कोई भी आजादी पूर्ण नहीं होती है।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली का गला दबाना होगा और दिल्ली को चारों ओर से घेरना होगा। किसान आंदोलन के नाम पर पिछले करीब 9 महीने से दिल्ली के सभी बॉर्डर जाम हैं, लेकिन किसान नेता इतने भर से मानने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने, सभी फसलों के एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, बिजली विधेयक, 2021 को निरस्त करने और 'एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में एक्यू प्रबंधन आयोग विधेयक 2021' के तहत किसानों पर मुकदमा नहीं चलाने की उनकी मांगों पर भी सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई।
किसान नेता अभिमन्यू कोहर ने कहा, “हमारे अन्य कार्यक्रमों के विपरीत, राष्ट्रीय सम्मेलन में सामूहिक सभा या रैली नहीं होगी, बल्कि, देश भर के किसान संघों के 1,500 प्रतिनिधि दो दिनों के लिए सिंघू बॉर्डर पर एक साथ आएंगे और हमारे प्रदर्शन को तेज करने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।”
उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, ‘‘कल (शुक्रवार) से कुल 40 ट्रेनें रद्द की गईं हैं।’’ उन्होंने कहा कि शुक्रवार को अलग रूट पर जम्मू रेलवे स्टेशन से कुछ ही ट्रेनें रवाना हुईं, जबकि दिल्ली में शनिवार तड़के हुई बारिश के कारण जम्मू जाने वाली कुछ और ट्रेनों को रद्द करना पड़ा।
केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में अलवर के शाहजहांपुर बार्डर पर किसान कई महीने से आंदोलन पर बैठे हैं।
अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांग के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने के लिए बीजेपी की आलोचना की।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।
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