दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के सड़कें बंद करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। दिल्ली के बॉर्डर से किसानों को हटाने के लिए दायर याचिका पर कोर्ट ने समय देते हुए 7 दिसंबर को अगली सुनवाई तय की है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके कौल ने कहा कि सड़कें साफ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते। आपको आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन सड़क जाम नहीं कर सकते।
नए कृषि कानूनों को लेकर देशभर में जारी किसान आंदोलन के कारण बंद रास्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। मोनिका भारद्वाज और हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई शुरू हो चुकी है।
राकेश टिकैत ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर मर्डर के पीछे बड़ी साजिश है। गिरफ्तारी हुई अब कानून अपना काम करेगा। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन के सामने हत्या की गई।
प्रदर्शनकारी किसानों ने सोमवार को चिल्ला बॉर्डर बंद कर दिया, जिसके बाद नोएडा एक्सप्रेस वे पर भीषण जाम लग गया। पुलिस के मनाने पर किसान मान गए और सेक्टर 6 अथॉरिटी में सीईओ से मिलने के लिए राजी होने के बाद किसान सड़क से हट गए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सोमवार को बैठक होगी, जिसमें पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से लेकर किसानों के आंदोलन तथा कोविड-19 महामारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
सिंघू बॉर्डर के पास किसानों के प्रदर्शन स्थल पर एक मजदूर की पीट-पीट कर हत्या करने में कथित तौर पर संलिप्त रहे तीन लोगों को सोनीपत की एक अदालत ने छह दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
सिंघु बॉर्डर पर एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या को लेकर आलोचना झेल रहे किसान नेताओं ने शनिवार को कहा कि वे प्रदर्शन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर तथा स्वयंसेवकों की संख्या बढ़ाकर सुरक्षा चौकस करेंगे और इस घटना का केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सूत्रों के मुताबिक, सिंघू बॉर्डर हत्याकांड में दो आरोपियों की पहचान हुई है। वहीं कुंडली में एक व्यक्ति का शव मिलने के मामले में हरियाणा पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया।
निहंगों की संख्या आज भले ही सीमित हो, लेकिन वे सिख धर्म में एक विशेष स्थान रखते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्री के आने की सूचना पर सैकड़ों किसान विरोध प्रदर्शन करने के लिए गांव खरकड़ी में एकत्र होकर पहाड़ी के लिए निकले थे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता और 1 बीजेपी नेता का ड्राइवर शामिल है।
उन्होंने कहा, "जिन परिवारों को लग रहा है कि दबाया जा रहा है और उनकी बातें आगे नहीं पहुंचती हैं, ऐसे में अगर प्रियंका वहां जाकर लोगों से मिलती है और उन्हें समर्थन करती है तो जरूर लोगों को लगेगा कि कोई तो उनसे मिलने के लिए आया है।"
लखीमपुर में हुई हिंसा में प्रशासन और किसानों को बीच समझौता हो गया है। प्रशासन मृतक किसानों के परिवार को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा देगा, साथ ही मामले की न्यायिक जांच होगी।
हरियाणा के किसानों ने करनाल में सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव किया है। किसानों ने हरियाणा सरकार के सभी मंत्रियों और बीजेपी सांसदों का भी घेराव करने का ऐलान किया है।
टिकैत ने कहा, हमने तो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी नहीं डाली है, जिसने याचिका डाली है वो बताए, हम नहीं जानते कि कोर्ट में याचिका डालने वाले कौन हैं।
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के अमेरिका राष्ट्रपति जो बायडेन को ट्वीट पर टैग करते हुए जब इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि देश के आंतरिक मामलों का हल क्या वे अमेरिका से करवाएं तो राकेश टिकैत गोलमोल जबाव देने लगे और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बात करने लगे।
नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ 27 दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों ने सोमवार को एकबार फिर जोरदार प्रदर्शन किया और बैरियर तोड़कर प्राधिकरण के कार्यालय में घुसकर तालाबंदी करने की कोशिश की। इस दौरान किसानों की पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई।
राकेश टिकैत ने पानीपत में ‘‘किसान महापंचायत’’ में कहा, ‘‘आंदोलन को दस महीने हो गए। सरकार को कान खोलकर सुनना चाहिए कि अगर हमें दस वर्षों तक आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं।’’
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों द्वारा सोमवार को आहूत 10 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद को कई गैर-राजग दलों ने समर्थन दिया है। एसकेएम ने रविवार को बंद के दौरान पूर्ण शांति की अपील की और सभी भारतीयों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया।
टिकैत ने यहां किसानों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलनों में धर्म स्थानों का विशेष योगदान है और गुरु गोविंद सिंह ने भ्रमण के दौरान खाप पंचायतों से संपर्क किया था तथा इसके बाद पीड़ित लोगों से धैर्य रखने को कहा था।
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