सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों ने बड़ी रणनीति बनानी शुरू कर दी है और उस रणनीति के तहत चुनावी राज्यों में अपना दल भेजेंगे जो वहां की जनता को बीजेपी के खिलाफ वोट डालने के लिए अपील करेगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अगर वे इन कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान संयुक्त समिति के माध्यम से मतभेद सुलझाने की केन्द्र की पेशकश पर विचार करने को तैयार हों तो सरकार आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत को तैयार है।
अगर सिधाना जैसे लोगों ने किसानों को बदनाम किया तो किसान नेताओं ने उन्हें अपनी रैली में क्यों बुलाया? मतलब साफ है कि दंगा करने वाले, तिरंगे का अपमान करने वाले लोग पहले भी कुछ किसान नेताओं के संरक्षण में थे, आज भी उनके संरक्षण में हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने राजस्थान के सीकर में ऐलान किया कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि वह केंद्र के विवादित कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के लिए समर्थन मांगने के वास्ते जल्द गुजरात का दौरा करेंगे।
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने के लिए 23 से 27 फरवरी के बीच कई कार्यक्रम आयोजित करने की रविवार को घोषणा की।
बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को किसानों से कहा कि दिल्ली पुलिस के जवान अगर आपके गांवों में किसी को गिरफ्तार करने आते हैं तो उनका ‘घेराव’ करें और उन्हें तब तक नहीं जाने दें जब तक कि जिला प्रशासन आश्वासन नहीं देता कि उन्हें गांवों में आने के लिए फिर अनुमति नहीं दी जाएगी।
कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान कुंडली स्थित धरनास्थल पर एक और बुजुर्ग की हृदयाघात से मौत हो गई। स्वजन ने बुधवार देर रात उनका शव हरियाणा के सोनीपत जिले में नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवाया। रात में शव को चूहों ने कुतर दिया।
किसान संगठनों द्वारा 4 घंटे बंद का ‘रेल रोको' आह्वान किया गया था, लेकिन यह 2 मिनट से लेकर अधिकतम 120 मिनट तक ही चला पाया।
कृषि कानूनों को लेकर जारी आंदोलन के बीच बीजेपी अपने संकटमोचक नेता अरूण जेटली को मिस कर रही है। साल 2014 में सत्ता संभालने के एक साल बाद हीं 2015 में मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के बाद मोदी सरकार पर "किसान विरोधी" का ठप्पा लगाया गया था।
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के ‘रेल रोको’ आह्वान के बाद ट्रेन की पटरियों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है।
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन के तहत गुरुवार को दोपहर 12 से 4 बजे तक देशभर में रेल रोको कार्यक्रम का ऐलान किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों से इस दौरान शांति बनाए रखने की अपील की है।
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल एक प्रदर्शनकारी ने दिल्ली पुलिस पर जानलेवा हमला किया है।
किसानों ने अब अपनी अगली रणनीति के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति बनाई है।
बेंगलुरु की पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर घमासान मचा है। दिशा की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक ट्वीट किया जिसपर बवाल हो गया है।
लगता है किसान गांव लौटने लगे हैं। सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता मंच पर बैठे है लेकिन उनको नेता बनाने वाली जनता घर बैठी है। टूल किट आने के बाद किसानों की आंखे खुलने लगी है। इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है जो 14 तारीख की शाम का सिंघु बॉर्डर का बताया जा रहा है।
टूलकिट मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं और नए नाम भी सामने आ रहे हैं। दिशा रवि, निकिता और शांतनु के नाम सामने आने के बाद एक तीसरा नाम भी सामने आया। ये तीसरा नाम है पीटर फेड्रिक का।
सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर द्वारा दिल्ली हिंसा के बाद किए गए ट्वीट की जांच की बात से महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 'यू-टर्न' ले लिया है। उन्होंने अब कहा है कि इन हस्तियों की नहीं बल्कि बीजेपी आईटी सेल की जांच की बात कही थी।
टूलकिट के तार कहां तक हैं, साज़िश कितनी बड़ी थी। हर कनेक्शन अब बेपर्दा हो रहा है और खालिस्तानी लिंक सामने आ रहा है। दिल्ली दंगों की टूल किट में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं।
दिल्ली पुलिस साइबर सेल ने किसानों के विरोध से संबंधित ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में 21 वर्षीय जलवायु एक्टिविस्ट दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने रविवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया।
संपादक की पसंद