इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी में 22.2 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 10.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के लागू होने से पहले व्यापारियों और अन्य हितधारकों को इसे समझने में मदद करने के लिए एक वेब पोर्टल शुरू किया गया है।
GST व्यवस्था लागू होने के बाद कारोबारी इकाइयों या कंपनियों को मुनाफाखोरी से रोकने के लिए GST काउंसिल संभवत: अर्द्ध न्यायिक प्राधिकरण बना सकती है
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने शनिवार को बताया कि 50 लाख रुपए से कम की आमदानी वाले रेस्टोरेंट पर अब 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली GST काउंसिल ने शनिवार को केंद्रीय GST (CGST) और इंटीग्रेटेड GST (IGST) विधेयकों को हरी झंडी दे दी है।
GST परिषद ने प्रस्ताव किया है कि मॉडल GST विधेयक में कर की अधिकतम दर, प्रस्तावित 14 प्रतिशत से बढ़ा कर 20 प्रतिशत तक रखने का प्रावधान किया जाना चाहिए।
कर अधिकारियों के एक संगठन ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद के कुछ निर्णय को बदलने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप का आग्रह किया है।
GST के एक जुलाई से अमल में आने के बाद संभवत: सरकार अप्रत्यक्ष करों (Indirect Taxes) से अपनी प्राप्ति के अनुमान पर नए सिरे से विचार कर सकती है।
अप्रैल से जनवरी के बीच सरकार को इनडायरेक्ट टैक्स से मिलने वाला रेवेन्यू 23.9 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 10.79 प्रतिशत अधिक हुआ है।
जीएसटी को एक साहसिक नया प्रयोग बताते हुए आर्थिक समीक्षा में भूमि एवं अन्य अचल संपत्ति को इस अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अंतर्गत लाने पर जोर दिया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि जीएसटी व्यवस्था में अधिकार और दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर निर्णय हो गया है। हालांकि, अब एक जुलाई से लागू होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को इस बात के संकेत दिए कि भविष्य में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स रेट्स में कटौती हो सकती है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान इनडायरेक्ट टैक्स संग्रहण में 26.2 प्रतिशत का उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। डायरेक्ट टैक्स 15.12 प्रतिशत बढ़ा।
GST काउंसिल ने GST के रेट 5, 12, 18 और 28 फीसदी तय किए हैंं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि GSTमें 12 फीसदी और 18 फीसदी स्टैंडर्ड रेट होंगे।
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 25.9 प्रतिशत बढ़कर 4.08 लाख करोड़ रुपए हो गया। उत्पाद शुल्क में 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
सरकार को टैक्स कलेक्शन में बड़ी सफलता हाथ लगी है।अप्रैल-जुलाई अवधि में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 24.01 प्रतिशत बढ़कर 1.59 लाख करोड़ रुपए रहा।
पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि करने के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 42 फीसदी बढ़ गया है।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह में बढोतरी के चलते अप्रैल महीने में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 41 फीसदी बढ़कर 64,394 करोड़ रुपए हो गया।
मुकदमेबाजी कम करने के लिए वित्त मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष कर मामलों में विभाग की तरफ से विभिन्न स्तर पर अपील दायर करने की मौद्रिक सीमाएं ऊंची कर दी है।
केंद्र सरकार की इनडायरेक्ट टैक्स वसूली वित्त वर्ष 2015-16 के संशोधित लक्ष्य 7.04 लाख करोड़ रुपए से भी आगे निकल गई है।
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