देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में कई बार देश के श्रमिकों को सम्मान देते हुए देखे गए हैं। आज 1 मई को मजदूर दिवस के मौके पर हम जानेंगे पीएम के कुछ ऐसे ही कदमों के बारे में।
आज यानी 1 मई को पूरी दुनिया मजदूर दिवस मना रही है। पर क्या आप जानते हैं इसकी शुरुआत कैसे हुई और इसके पीछे क्या कारण था?
भारतीयों पर टिप्पणी को लेकर विवाद बढ़ने के बाद ताइवान के श्रम मंत्रालय ने भी ह्सु के कमेंट्स को लेकर माफी मांगी और कहा कि मंत्री की टिप्पणी का अभिप्राय भेदभाव से नहीं था। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने भी मंगलवार को एक बयान में भारतीय श्रमिकों की भर्ती के संबंध में ताइवान की सरकारी एजेंसियों की टिप्पणी के लिए माफी मांगी।
आहूजा ने ठेकेदारों द्वारा अपंजीकृत मजदूरों से काम कराने के मामले बढ़ने से पैदा हो रही चुनौतियों से निपटने के तरीके पर बात की। उन्होंने कहा कि चार श्रम संहिताओं के लिए ठेकेदारों को अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप इन श्रमिकों को व्यापक लाभ प्रदान करना होगा।
रांची के पास स्थित खीराबेडा गांव के रहने वाले बेदिया के साथ 12 और लोग आजीविका के लिए एक नवंबर को उत्तरकाशी गए थे। सौभाग्य से इनमें से केवल तीन लोग सुरंग में थे। सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से 15 झारखंड के विभिन्न जिलों के थे।
तीनों घायल मजदूरों की पहचान अनमोल, हीरालाल और पिंटो कुमार के रूप में हुई है। ये तीनों बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले हैं।
श्रम मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, ‘‘भविष्य निधि में नियोक्ताओं के कुल 12 प्रतिशत योगदान में से ही 1.16 प्रतिशत अतिरिक्त अंशदान लेने का फैसला किया गया है।’’
Labour Day PM Modi: भारत में वामपंथी लोग शुरुआत में लेबर डे का नेतृत्व कर रहे थे। 1 मई 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में पहली बार मजदूर दिवस चेन्नई में मनाने का फैसला लिया गया था।
आज से 137 साल पहले मजदूरों से 15-15 घंटे काम कराए जाते थे, मना करने पर उन्हें कोड़ों से मारा जाता था। उनपर इतने अत्याचार किए जाते थे कि इंसानियत भी शर्मशार हो जाए। इसके बाद मजदूरों के यूनियन ने तय किया कि वे इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे और फिर...
दिल्ली सरकार ने मजदूरों के लिए बड़ा ऐलान किया है। दिल्ली सरकार अब मजदूरों को डीटीसी बस में फ्री सफर, मकान व बच्चों को फ्री कोचिंग मुहैया कराएगी। दिल्ली सरकार के इस योजना से दिल्ली के लाखों मजदूरों के फायदा मिलेगा।
तीनों मजदूर ओडिशा से बेंगलुरु नौकरी करने के लिए गए थे। ये 12 लोगों के उस ग्रुप का हिस्सा थे, जो दो महीने पहले बालूगांव के एक बिचौलिए की मदद से बेंगलुरु गए थे। इसके बाद उन्हें एक कंपनी में काम मिल गया लेकिन मालिक ने उन्हें सैलरी देने से मना कर दिया।
New Labour Code: काम करने वाले कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार (Central Government) के तरफ से जल्द एक अच्छी खबर मिलने वाली है।
New Labour Codes : यदि एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू हो जाता है तो इसका असर नौकरी पेशा लोगों की साप्ताहिक छुट्टियों और से लेकर उनकी सैलरी तक पर पड़ेगा।
इससे पहले पहले नए लेबर कोड को अप्रैल 2022 से लागू करने की बात कही जा रही थी, लेकिन इन्हें लागू नहीं किया जा सका।
उपेन राय ने बताया कि वह 2014 से इन सिक्कों को इकट्ठा कर रहा था। आखिरकार जब उसके पास डेढ़ लाख रुपये जमा हो गए तो उसने अपनी जमा पूंजी से....
केंद्र की मोदी सरकार के आगे सुधारों की लंबी फेहरिस्त है। लेकि अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा सरकार का रिस्पॉन्स चुनाव भविष्य में होने वाले राज्यों के चुनाव पर भी निर्भर करेगी।
अचानक गैस लीक होने से मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई। दम घुटने से पांच मजदूरों की मौत होने की खबर है।
देश के गांवों में विभिन्न प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं की आपूर्ति के लिए पहुंच का बिंदु साझा सेवा केंद्र हैं।
केंद्रीय क्षेत्र में अनुसूचित रोजगार के लिए जो दर तय की गई है, वह केंद्र सरकार, रेलवे प्रशासन, खदान, तेल क्षेत्र, प्रमुख बंदरगाह या केंद्र सरकार द्ववारा गठित किसी भी कॉरपोरेशन में कार्यरत श्रमिकों पर लागू होगी।
पोर्टल पर पंजीकरण कराने वालों में सबसे ज्यादा संख्या कृषि और निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों की है। पंजीकृत श्रमिकों में 50.02 प्रतिशत महिलायें हैं।
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