श्रम मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर 2.5 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। ई-श्रम पोर्टल का उद्घाटन 26 अगस्त 2021 को किया गया था।
मुंबई में एक समारोह में श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड वितरित किये और ईएसआई कोविड राहत योजना में राहत भी जारी की
पोर्टल के शुरू किये जाने के 24 दिनों में एक करोड़ श्रमिकों ने इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
श्रम मंत्रालय की औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशा संहिता को एक अप्रैल, 2021 से लागू करने की योजना थी।
मंत्रालय ने कहा है कि नियोक्ताओं पर किसी भी तरह का अतिरिक्त खर्च डाले बिना कर्मचारियों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उपाय किए गए हैं।
कोरोना और महंगाई की दोहरी मार झेल रहे श्रमिक वर्ग को दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर राहत देने की कोशिश की है।
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 संगठित एवं असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों और श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने के मकसद से सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कानूनों में जरूरी संशोधन करती है।
उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड ने नियमों का मसौदा पहले ही जारी कर दिया है।
विभिन्न श्रेणियों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी अलग-अलग है। राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी का तात्पर्य ऐसे वेतन से है, जो पूरे देश में सभी श्रेणियों के श्रमिकों पर लागू होता है।
आधार के अभाव में किसी भी मज़दूर को सरकारी लाभ से वंचित नहीं रखा जाएगा।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने 28 अप्रैल को ईडीएलआई योजना के तहत अधिकतम बीमा राशि बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने के फैसले को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आ चुकी है ऐसे में दूसरा लॉकडाउन अगर लगाया जाता है तो इससे न केवल इंडस्ट्री को बल्कि अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचेगा।
अगर श्रम संहिताएं एक अप्रैल से अमल में आती तो कर्मचारियों के खाते में आने वाला वेतन जरूर कम होता लेकिन सेवानिवृत्ति मद यानी भविष्य निधि में उनका ज्यादा पैसा जमा होता।
कृषि मजदूरों के लिए महंगाई दर बढ़कर 2.67 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो कि जनवरी के महीने में 2.17 प्रतिशत पर थी। वहीं ग्रामीण मजदूरों के लिए खुदरा महंगाई दर बढ़कर 2.76 प्रतिशत हो गई है , जो कि इससे पिछले महीने में 2.35 प्रतिशत पर थी।
श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार के मुताबिक ये सर्वे काफी उपयोगी होंगे और सरकार को प्रवासी श्रमिकों तथा संगठित और असंगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति के बारे में आंकड़े उपलब्ध कराने की दृष्टि से काफी अहम साबित होंगे।
सरकार नए कानूनों में ओवरटाइम के लिए मौजूदा समय सीमा को बदल सकती है। नए श्रम कानूना के तहत निर्धारित समय से 15 मिनट ज्यादा काम करने पर भी कर्मचारी ओवरटाइम के लिए पात्र माने जाएंगे।
मध्य प्रदेश के गुना जिले में गरीब आदिवासियों को बंधुआ मजदूर बनाया गया और उनके साथ अमानवीय कृत्य किया गया। काम करने में आनाकानी करने पर गर्म तेल में हाथ तक जलाए गए।
भारत सरकार जल्द ही कंपनियों को चार-दिवसीय कार्य सप्ताह के साथ आगे बढ़ने की अनुमति दे सकती है। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय नए श्रम कोड पर काम कर रहा है, जो तीन दिन के सप्ताहांत के लिए रास्ता बनाएगा, लेकिन काम के घंटे को 48 घंटे पर रखेगा, जिसका अर्थ है कि कर्मचारी लंबे शिफ़्ट के अधीन हो सकते हैं।
श्रम मंत्रालय ने चारों संहिताओं को अप्रैल से लागू करने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए कुल 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार वृहद संहिताओं में समाहित किया है और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया के आखिरी चरण में है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा गणतंत्र दिवस परेड में प्रस्तुत की जाने वाली झांकी में सरकार के ऐतिहासिक श्रम सुधारों और इससे श्रमिको मिलने वाले लाभों को प्रदर्शित किया जाएगा।
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