अयोध्या मंदिरों की नगरी है यहां आज भी त्रेतायुग के समय से जुड़े कई पौराणिक स्थल हैं। आज हम आपको यहां के उस मंदिर के बारे में बताने जा रहा है जो सिर्फ एकादशी के दिन ही खुलता है और इसी जगह पर भगवान राम नें अश्वमेघ यज्ञ कराया था।
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण काफी जोरों-शोरों से चल रहा है। 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसी बीच उस गर्भ गृह का वीडियो सामने आ गया है जहां रामलला की मूर्ति स्थापित होगी।
अयोध्या राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी, लेकिन बड़ा सवाल है कि फिर पुरानी प्रतिमा का क्या होगा। चंपत राय ने इस बारे में जानकारी दी है। जानिए क्या कहा है-
सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जो सभी राम भक्तों को दिल जीत लेगा। दरअसल अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के निवासियों ने Tesla कार की लाइट से राम नाम को हाइलाइट किया। इसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
IND vs SA: भारत के साउथ अफ्रीका दौरे के दौरान भगवान राम का एक संगीत इतना ज्यादा वायरल हो गया कि अभी भी उसकी चर्चे सोशल मीडिया पर की जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक शख्स ने पूराने टीवी के पुर्जों का इस्तेमाल करते हुए भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ राम मंदिर की छवि बनाई। लोग खूब तारीफ कर रहे हैं।
वायरल वीडियो में एक युवक राम मंदिर पर गीत गाते हुए नजर आ रहा है। इस दौरान वहां मौजूद सभी यात्री उनकी गीत सुन रहे हैं और साथ ही साथ वीडियो भी बना रहे हैं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा जिसे देखने के बाद आप भी भावुक हो सकते हैं। वीडियो में बच्चे भजन पर जमकर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं।
मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि के दिन मां सीता और भगवान राम का विवाह हुआ था। हिंदू धर्म में यह पर्व अति श्रेष्ठ और लाखों भक्तों की आस्था से जुड़ा हुआ है। राम विवाह के उपरांत माता कैकयी ने सीता जी को पूरा स्वर्ण से बना महल मुंह दिखाई की रस्म में भेंट किया था। जो आज भी अयोध्या नगरी में विद्धमान है।
आज विवाह पंचमी के शुभ अवसर पर करुणा के सागर प्रभु श्री राम और मां जानकी का विवाह हुआ था। प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी पड़ती है और इस दिन मां सीता और प्रभु राम का विवाह उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव मिथिला नगरी जनकपुर और अयोध्या धाम में भव्यता से मनाया जाता है।
Vivah Panchami 2023: इस साल 17 दिसंबर को भगवान राम और माता सीता का विवाह उत्सव मनाया जाएगा। विवाह पंचमी के दिन कुछ विशेष उपायों को करने से जीवन की कई परेशानियों का समाधान मिलता है।
Vivah Panchami 2023 Upay: अगर आप अपने पसंद का साथी चाहते हैं तो इस विवाह पंचमी के दिन इन उपायों को जरूर करें। इन उपायों की मदद से आपको मनपसंद जीवनसाथी की शीघ्र प्राप्ति होगी।
आज शनिवार का दिन है और इस दिन शनि देव के साथ ही साथ शमी के पौधे की भी पूजा का विधान है। माना जाता है कि इस पेड़ की पूजा भगवान राम ने रावण से युद्ध करने से पहले कि थी। वहीं शनि देव का भी यह सबसे प्रिय पौधा है। आइए जानते हैं इसके क्या प्रमुख लाभ हैं।
पूरे देश में 22 जनवरी के दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियां बड़े ही जोरों-शोरों पर है। इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र के सभी धार्मिक स्थलों ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिस दिन अयोध्या में भगवान राम की प्राणप्रतिष्ठा होगी, उसी दिन महाराष्ट्र के हर मंदिर को भी दीपकों से रौशन किया जाएगा।
Vivah Panchami 2023 Significance: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इसी दिन भगवान राम और माता सीता विवाह के बंधन में बंधें थे।
Dussehra 2023 Date: हर साल दशहरा का पर्व नवरात्रि के अंतिम दिन मनाई जाती है। दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार दशहरा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। तो आइए जानते हैं दशहरा की सही डेट, मुहूर्त और महत्व।
2 दिन के इस मानस सम्मेलन में रामचरित मानस पर मानस मर्मज्ञ द्वारा 'रामचरित मानस आज के युग में महत्व' पर चर्चा होगी । गौरतलब है 2 महीने पहले रामचरित मानस पर तमाम बड़े नेताओं द्वारा विवादित टिप्पणियों के बाद बाबा की नाराजगी सामने आई थी।
पैंथर्स पार्टी द्वारा उधमपुर में आयोजित एक रैली में अब्दुल्ला ने कहा कि कृपया इस धारणा को अपने दिमाग से निकाल दें कि राम सिर्फ हिंदुओं के भगवान हैं।
Ram Navami Special Story: भगवान राम को लेकर लोगों की आस्था भारत ही नहीं नेपाल में भी बहुत अटूट है। यहां राम जी को भगवान नहीं बल्कि दामाद के रूप में पूजा और माना जाता है। तो आइए जानते हैं यहां स्थित धनुषा धाम के बारे में।
Ram Navami 2023: मान्यताओं के मुताबिक, प्रभु राम ने सीता स्वंयवर के समय जब शिव धनुष को तोड़ा था तब वह तीन हिस्सों में टूट गया था। इसी धनुष का एक हिस्सा नेपाल के इस हिस्से में जा गिरा था। आज भी इस जगह पर उस धनुष के हिस्से की पूजा की जाती है।
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