सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की एक याचिका पर MCD सदन के पीठासीन अधिकारी को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही अब इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
मनोज तिवारी ने कहा कि 6 जनवरी को निगम सदन के अंदर जो कुछ भी हुआ उसे पूरी दिल्ली की जनता ने देखा और आज सवाल भी यही है कि आखिर दिल्ली को उसका मेयर देने के लिए आम आदमी पार्टी इतनी डर क्यों रही है।
मेयर पद के लिए आप ने शैली ओबेरॉय और भाजपा ने रेखा गुप्ता को मैदान में उतारा है, जबकि आप के आले मोहम्मद इकबाल और भाजपा के कमल बागरी डिप्टी मेयर पद के लिए मैदान में हैं।
एमसीडी की बैठक का एजेंडा भी सामने आ गया है। मेयर चुनाव में सबसे पहले नंबर पर निर्वाचित पार्षदों को शपथ दिलाई जाएगी। और उसके बाद एल्डरमैन को शपथ दिलाई जाएगी फिर दूसरे नंबर पर मेयर का चुनाव होगा।
दिल्ली में मेयर को लेकर शुरू हुई सियासी लड़ाई हाथापाई से धरना-प्रदर्शन पर आ गई है। आखिर दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर ये लड़ाई इतनी हाईवोल्टेज कैसे हो गई, इसकी वजह हम आपको बताएंगे।
दिसंबर में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में आप ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी और एमसीडी में BJP का 15 साल का शासन खत्म हुआ था। बीजेपी ने 104 वार्ड में जीत हासिल की थी।
आम आदमी पार्टी के नेताओं को डर था कि बीजेपी मेयर और डिप्टी मेयर पदों पर जीत हासिल करने की कोशिश कर सकती है। AAP विधायक आतिशी ने आरोप लगाया कि बीजेपी अपने उम्मीदवार को मेयर बनाने के लिए 'धोखाधड़ी' का सहारा ले रही है।
दिल्ली में आज मेयर का चुनाव होना था। लेकिन इससे पहले कि पार्षदों का शपथ ग्रहण होता, दिल्ली का सिविक सेंटर अखाड़ा बन चुका था।
दिल्ली में कल मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव होगा। यह प्रक्रिया सुबह 11 बजे से शुरू हो जाएगी। इसी बीच पीठासीन अधिकारी को लेकर दिल्ली की 'आप' सरकार ने आपत्ति उठाई है। इस बात को लेकर एलजी और दिल्ली सरकार आमने सामने हैं।
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी विधायक अभय वर्मा से कथित तौर पर संबंध रखने वाले ‘अज्ञात गुंडों’ के खिलाफ MCD द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, स्थानीय शहरी निकाय के लिए हर पांच साल में चुनाव कराना अनिवार्य है, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि सत्ता में बने रहने के लिए कौन सी पार्टी बहुमत में है।
MCD चुनाव में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद नए मेयर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 4 दिसंबर को हुए निकाय चुनाव में आप ने 134 वार्ड जीते थे, जबकि भाजपा को 109 और कांग्रेस को नौ वार्ड मिले थे।
MCD के चुनाव परिणाम आने के बाद आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला है। लेकिन पार्टी को डर है कि मेयर चुनाव में उसके पार्षद खरीद लिए जाएंगे। आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने दावा किया कि भाजपा आप पार्षदों को लुभाने की साजिश रच रही है।
दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव में BJP को करारी हार मिलने के बाद भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में चुनाव कैंपेन करने वाली आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव में बाजी मार ली, लेकिन जिस आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार पर दिल्ली में कचरे के ढेर को लेकर घेरा था, अब उसी ‘आप‘ के सामने सबसे बड़ी और पहली चुनौती है कि कूढ़े के ढेर से कैसे दिल्ली को निजात दिलाई जाए।
आप ने राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को नगर निगम में भाजपा से सत्ता छीन ली थी। केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी ने एमसीडी के 250 में से 134 वार्ड जीते हैं जबकि भाजपा को 104 वार्ड में जीत मिली।
शुक्रवार शाम दिल्ली कांग्रेस उपाध्यक्ष अली मेहंदी के साथ मुस्तफाबाद से पार्षद सबिला बेगम और ब्रिजपुरी से पार्षद नाज़िया खातून ने आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।
Delhi MCD Criminal Cases of Candidates: दिल्ली नगर निगम का चुनाव जीतने वाले बहुत से उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। कुछ उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
MCD चुनावों में BJP को हराकर AAP ने जबरदस्त जीत हासिल की है। हालांकि इस जीत के बावजूद कुछ ऐसी खबरें आई हैं, जो शायद AAP के नेताओं को परेशान कर रही होंगी।
आप ने MCD चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 134 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि BJP के खाते में 104 सीटें आई हैं। कांग्रेस को 9 सीटें मिली हैं जबकि अन्य के खाते में 3 सीटें आई हैं।
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