आप जब किसी दुकान पर जाते होंगे तो वहां कई सारी दूसरी चीजों को भी देखते होंगे। जैसे आप किराने की दुकान पर जाते होंगे तो वहां रखे सभी सामान पर नजर जाती होगी, आप जब कपड़े की दुकान पर जाते होंगे तो वह अलग-अलग डिजाइन के टंगे कपड़े देखते होंगे ठीक इसी तरह आप कई बार घड़ियों की दुकान पर भी गए ही होंगे। वैसे तो घड़ियों की दुकान पर जाना कम होता है मगर आप जब भी गए होंगे तो देखा होगा कि वहां अधिकतर या फिर लगभग सभी घड़ियों की सुइयां 10:10 पर ही सेट होते हैं लेकिन क्या कभी यह सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?
घड़ी की सुई 10:10 पर ही क्यों होते हैं?
अब ऐसा क्यों होता है इसके पीछे कोई फिक्स जवाब नहीं है। इसके लिए अलग-अलग लॉजिक बताए जाते हैं। उसमें से एक तो यह है कि 10:10 पर सेट सुई 'V' यानी विक्ट्री का आकार बनाता है जो जीत को दर्शाता है। इसके पीछे एक और कारण बताया जाता है। ऐसा बताया जाता है कि 10:10 पर सुई होने से कंपनी का नाम हाइलाइट होता है। इतनी ही नहीं, इसके पीछे एक और कारण बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह स्माइल की तरह दिखता है जो लोगों को आकर्षित करता है। ये सभी वो अलग-अलग लॉजिक हैं जो बताते हैं कि घड़ियों में सुई 10:10 पर ही सेट क्यों होते हैं।
ये हैं कुछ गलत धारणाएं
इसके पीछे एक कारण अब्राहम लिंकन की मौत से भी जोड़ा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उनकी मौत 10:10 पर हुई थी और इसी कारण घड़ियों के सुई 10:10 पर सेट होती हैं। एक और कारण है और उसके मुताबिक हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए परमाणु का समय 10:10 था जिसके कारण घड़ी की सुइयां 10:10 पर सेट होती है मगर ये दोनों कारण गलत हैं क्योंकि टाइम मैच नहीं होता है। कुल मिलाकर बात यह है कि घड़ी के सुई की 10:10 पर होने के पीछे का मुख्य कारण मार्केटिंग ही है।
नोट: इस आर्टिकल में आपको दी गई पूरी जानकारी अलग-अलग रिपोर्ट्स के आधार पर है और इंडिया टीवी ऊपर दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।
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