Monday, May 13, 2024
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पश्चिम बंगाल: किशोरी की हत्या को लेकर बाल आयोग ने ममता बनर्जी को घेरा, जांच में पुलिस की लापरवाही आई सामने

पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में 17 साल की एक किशोरी के साथ कथित रूप से बलात्कार के बाद उसकी हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने शनिवार को एक युवक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद आज बाल आयोग के अध्यक्ष मौके का मुआयना करने गए थे।

Shailendra Tiwari Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: April 24, 2023 23:37 IST
West bengal- India TV Hindi
Image Source : PTI उत्तरी दिनाजपुर जिले में हुए थे हिंसक प्रदर्शन।

कोलकाता: उत्तर दिनाजपुर जिले में 17 वर्षीय एक किशोरी की मौत के मामले की जांच में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने बड़ी लापरवाही की है। वह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जल्द इस संबंध में रिपोर्ट सौंपेंगे। बता दें कि बीते शुक्रवार को किशोरी का शव एक नहर में मिला था, जिसके बाद कालियागंज इलाके में भीषण हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद से ही पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।

गृहमंत्री को सौंपेगे रिपोर्ट

कानूनगो ने आरोप लगाते हुए कहा कि कालियागंज का दौरा करने वाले एनसीपीसीआर के दल को राज्य प्रशासन से हर प्रकार का असहयोग झेलना पड़ा है। वहीं, पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इन आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए सिरे से खारिज किया है। कानूनगो ने मीडिया को बताया कि मैं दिल्ली लौटने के बाद गृहमंत्री अमित शाह को रिपोर्ट देने वाला हूं। लड़की की मौत मामले की जांच में रायगंज पुलिस ने लापरवाही की है। मुझे आशंका है कि पुलिस की सुस्ती के कारण सबूतों से छेड़छाड़ किया जा सकता है। मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।

"करीब 22 घंटे करना पड़ा इंतजार"

उन्होंने आगे बताया कि उन्हें मामले के जांच अधिकारी से मिलने के लिए करीब 22 घंटे इंतजार करना पड़ा। कानूनगो ने कहा, ‘‘मैं पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद केवल एक डॉक्टर से ही बात कर सका, जबकि अन्य डॉक्टरों को कोलकाता भेज दिया गया।’’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस लड़की की मौत को सुसाइड का एंगल देने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस पर यकीन करना मुश्किल है कि यह आत्महत्या का मामला है। कानूनगो ने आगे कहा, ‘‘मैंने उसकी मार्कशीट देखी है और उसके परिवार से बात भी की है। वह बहुत होनहार स्टूडेंट थी। इस बात पर भरोसा करना बहुत मुश्किल है कि उसने आत्महत्या की है।’’

पुलिस ने बताया कि उसने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है और लड़की के परिवार की शिकायत पर एक युवक और उसके पिता को गिरफ्तार किया गया है।

बीते शुक्रवार मिली थी लाश

गौरतलब है कि लड़की के लापता होने के एक दिन बाद बीते शुक्रवार को उसकी लाश नहर में मिली थी, जिसके बाद इलाके में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों को आग लगा दी थी और पुलिस पर पथराव भी किया था। बता दें कि पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डब्ल्यूबीसीपीसीआर) ने कानूनगो के आरोपों को सिरे से नाकार दिया है। साथ ही यह आरोप भी लगाया कि वह मामले की राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। डब्ल्यूबीसीपीसीआर की अध्यक्ष अनन्या चक्रवर्ती ने आगे कहा, ‘‘कानूनगो यहां राजनीतिक मकसद से आए हैं। उनके आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। वे मामले का राजनीतिकरण करने और पीड़ित परिवार को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

इनपुट- पीटीआई

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