Tuesday, March 19, 2024
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इमरान खान ने एक बार फिर की तालिबान की वकालत, कहा-वादों को पूरा करने के लिए मदद करना जरूरी

खान ने कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध के परिणाम और अमेरिका के नुकसान के लिए पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए तथा एक और संघर्ष से बचने के लिए भविष्य पर नजर रखने पर जोर दिया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 27, 2021 22:21 IST
Important to incentivise Taliban so that they fulfil promises, says Pakistan PM Imran Khan- India TV Hindi
Image Source : AP आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर तालिबान की वकालत की है।

इस्लामाबाद: आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर तालिबान की वकालत की है। इमरान ने कहा कि अफगानिस्तान के नए शासकों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है, ताकि वे अपने वादों को पूरा करें। तालिबान को अब तक अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है। तालिबान ने 1996 से 2001 तक अपने पूर्व के शासन की तुलना में इस बार समावेशी सरकार और उदार इस्लामिक कानून अपनाने का वादा किया है। हालांकि, हाल के उनके कदमों से जाहिर होता है कि वे खासकर महिलाओं के प्रति अपने रुख को लेकर पुराने रास्ते पर लौट रहे हैं। 

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, खान ने सोमवार को अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट अखबार में प्रकाशित एक लेख में कहा कि दुनिया एक समावेशी अफगान सरकार, अधिकारों के लिए सम्मान की भावना और प्रतिबद्धताओं को पूरा किए जाने की इच्छा रखती है। यह भी कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए फिर कभी नहीं किया जाएगा।

खान ने कहा, ‘‘तालिबान नेताओं के पास अपने वादों पर टिके रहने के लिए अधिक कारण और क्षमता होगी क्योंकि उन्हें सरकार का प्रभावी ढंग से संचालन करने के लिए लगातार मानवीय और विकास सहयोग की आवश्यकता है।’’ खान ने कहा कि वित्तीय मदद प्रदान करने से दुनिया को तालिबान को अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने के लिए राजी करने से अतिरिक्त लाभ मिलेगा। 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अगर ऐसा होता है तो हम दोहा शांति प्रक्रिया का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। एक ऐसा अफगानिस्तान जो अब दुनिया के लिए खतरा नहीं होगा, जहां अफगान नागरिक आखिरकार चार दशकों के संघर्ष के बाद अमन-चैन का ख्वाब देख सकते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान को पहले की तरह अपने हाल पर छोड़ देने से मंदी आएगी। उन्होंने कहा, ‘‘अराजकता, बड़े पैमाने पर पलायन और अंतरराष्ट्रीय आतंक के फिर से पनपने का खतरा होगा। इससे बचना निश्चित रूप से हमारी वैश्विक अनिवार्यता होनी चाहिए।’’

खान ने कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध के परिणाम और अमेरिका के नुकसान के लिए पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए तथा एक और संघर्ष से बचने के लिए भविष्य पर नजर रखने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2001 के बाद से उन्होंने बार-बार आगाह किया था कि ‘‘अफगान युद्ध कभी नहीं जीता जा सकता।’’ इतिहास को देखते हुए अफगान कभी भी एक लंबी विदेशी सैन्य उपस्थिति को स्वीकार नहीं करेंगे। खान ने दुनिया से शांति और स्थिरता के लिए नयी अफगान सरकार के साथ जुड़ने का आग्रह किया। 

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